अमे’रिका और तालि’बान के बीच 20 साल के लंबे सं’घर्ष पर विरा’म लगने के बाद अब उम्मीद लगाई जा रही है कि अफगा निस्ता’न में शां’ति आ जायेगी । अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोमपियो ने एक ट्वीट में कहा कि लंबे समय के बाद आखिरकार अमेरि’का और तालि’बान के बीच बात बन गई है । इससे उम्मीद की जा रही है कि अब हिं’सा रु’क जाएगी । उन्होंने ये भी कहा 29 तारीख के दिन अमे’रिका और तालि’बान के मध्य एक सम’झौते पर हस्ता’क्षर भी होंगे, जिसका पूरी दुनिया इंते’ज़ार कर रही है ।
अमर उजाला में छपी खबर के अनुसार यदि अमेरि’का और अफ’गा’निस्तान की इस समझौते पर सहमति बनने के बाद 29 तारीख को हस्ता’क्षर हो जाते है तो भा’रत की मु’श्किलें ब’ढ़ सकती है । बता दे, तालिबान के आने से वहां आने वाली नई सर’कार के साथ ता’लमेल बि’ठाना आसा’न नहीं होगा, जितना पहले था । जानकारों का ऐसा भी मानना है कि इससे भारत और अफगानि’स्तान के बीच कई वि’कास परियो’जनाएं प्र’भवित हो सकती है।
इसके अलावा पश्चि’म एशिया में पैर पसा’रने की जुगत कर रही सरकार को दौह’रा झट’का लग सकता है । भारत को अफ’गा’निस्तान में भा’रत को बड़ा झट’का लगना इसलिए भी कहा जा रहा है कि भारत ने अफ’गान में बड़ा नि’वेश कर रखा है। अफ’गान की सं’सद को भारत के सहयोग से ही बनाया गया था जिसमे राजस्था”न का पत्थर लगा है।
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The #Taliban Spokesperson Zabiullah Mujahid tweeted that centers of all provinces, military corps headquarters, battalions, and squads, as well as foreigner’s bases, are included in paving a sound ground for the agreement.#ViolenceReduction #RIV #MilitaryBases #Peace pic.twitter.com/gqi4e9DnyL— Ariana News (@ArianaNews_) February 22, 2020
अफ’गा’निस्तान की राष्ट्री”य सुरक्षा समि’ति के प्रवक्ता जावेद फैसल ने इस पूरे मामले को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की । उन्होंने कहा कि अफ’गान सु’रक्षा ब’लों और अमे’रिका व तालि’बान के बीच जारी हिं’सा में अब पूरी तरह से क’मी आ सकती है । उन्होंने कहा कि 22 फरवरी से हिं’सा रुक जाएगी, उन्होंने दावा भी किया । उन्होंने इस कमी को 1 सप्ताह यानी 29 फरवरी को हस्ता’क्षर होने तक जारी रहने की बात कही हे।
उन्होंने ये भी साफ किया कि हिं’सा पर पूरी तरह से ख’त्म होने में एक लं’बा समय लग सकता है । आंशिक संघ’र्ष वि’राम की घोषणा उन्होंने कर दी है । बता दे, अमेरि’की और तालि’बान के इस शांति समझौते का फायदा पाकिस्तान को मिल सकता है । राजनी’तिक जानकारों का मानना है कि पाक सरकार इसमें मध्य’स्थता का काम कर रही है, इससे उसे फायदा हो सकता है । बता दे, इससे पहले अमेरि’का ने साफ किया था कि वो अफगा’निस्तान से अपने सै’निक को वापस बुला लेगा ।
On Eve of Peace, Taliban Tells Fighters to Avoid Enemy Areas
Taliban told to immediately start implementing deal#Afghanistan #Taliban #AfghanistanPeaceProcesshttps://t.co/DY6YrnpzkJ pic.twitter.com/EnhdEbXvHv— Antiwar.com (@Antiwarcom) February 22, 2020
अमे’रिका और तालि’बान के बीच शांति वार्ता कतर की राजधानी दोहा में हो रही है। इस वार्ता से पहले पाक ने कुछ महीने पहले ही तालि’बान के संस्था’पक मुल्ला बा’रादर को जे’ल से रि’हा किया था । राज’नीतिक जान’कारों का कहना है कि अगर अफगानिस्तान में तालिबान की सरकार बनती है या इसकी जड़ें मज”बूत होती है जो कि अ’मेरि’का -तालि’बान डी’ल से जताई जा रही है उससे मुख्य तौर पर पा’क को फायदा हो सकता है ।
उसकी एक वजह ये है दोनों के मध्य’ कोई वि’वाद नही है, और कतर में अमे’रिका-तालि’बान के बीच एक सहयोगी की तरह काम कर रहा है । बता दे, ट्रम्प ने जुलाई 2019 में कहा था कि हम अब अफगानि’स्तान में यु”द्ध नही लड़ना चाहते है, उन्होंने ये भी कहा कि हम इसे 1 सप्ताह में जीत सकते है , बस मैं एक करोड़ लोगों को नही मा’रना चाहता हूँ ।