आज भी देश मे कई कौ’मी एकता की मिसाल देखने को मिलती है। मु’स्लिम समा’ज के पाक मही’ना र’मजान शरीफ चल रहा है। इस महीने में मु’स्लि’म के साथ साथ ही कई हि’न्दू प’रिवार भी रो’जा रखते है। इटावा के रहने वाले अ’मर सिं’ह शख्स हि’न्दू
मु’स्लिम एकया मिसा’ल देखने को मिल रही है। वह पिछले एक दो साल से नही बल्कि 22 साल से रम’जान के रोजे रख रहे है। अमर सिंह शिव कॉलोनी अड्डा जा’लिम में रहते है।इनके घर मे एक बाबू काले खां की दर’गाह है। वह रम’जान केरो’जे रखने के साथ ही नव’रात्रि का व्र’त भी रखते है।
वह शिव’रा’त्रि और ज’न्मा’ष्टमी भी मनाते है। हिं’दू मु’स्लिम एकता की मि’साल बन हुए अमर सिंह के घर मे एक बेटा, एक बेटी, पत्नी और बहू है।अमर सिंह से जब इसके बारे में मीडिया ने सवाल किया तो उन्होने जवाब दिया कि उनके पु’श्तैनी गांव छिब’रामऊ कन्नौज में एक मजार थी
जिसे फू’टी मजा’र के नामसे जाना जाता था। उनके पिता उस म’जा’र पर अपना मा’था टेकते थे और पू’जा करते थे।जब अमर सिंह की नोक’रीं इटावा में लगी तो वह रहने लगे।यहां आते है अमर सिंह अ’स्वस्थ रहने लगे और उबको स’पनों में वह ‘जार दिखाई थी।
इसलिए उन्होंने अपने घर मे म’जार को स्थापना कराई और पू’जा करने लगे। इसी के साथ ही वह हर ध’र्म के लोगों का सम्मन करते है। वह न’वरा’त्रि और ई’द के समय भं’डारे का आयो’जन करवाते है।