अजीम प्रेमजी को आया गरीबों पर तरस,बोले- मजदूरों को मिले हर महीना पैसा,सरकार से की अपील

को’रोना वा’यर’स बी’मा’री में डॉक्टर्स, नर्सेज अपनी जा’न की प’रवा’ह किए बगैर लोगो की जिंदगी को ब’चा’ रहे है. तो दूसरी तरफ मजदूर वर्ग के लोग अपनी घर तक को जद्दोजहद में हा’द’सा का शि’का’र हो रहे है तो कोई अपनी राह की मं’जि’ल पैदल ही तय कर रहे है। लो’क डा’उन में रो’ज’गा’र छी’न’ने के बाद पै’दल सेकड़ो किलोमीटर का सफर तय कर अपने घर लौट रहे मजदूरों के हा’द’सों का शिकार होने परदिग्गज उद्द्योग पति और विप्रो के फाउंडर अजीम प्रेमजी ने पैदल चल रहे मजदूरों के लिए दुःख जताया है।

उन्होंने कहा कि बीते दिनों ही पटरी पर सो रहे 13 मजदूरों की ट्रेन से कट’क’र मौ’त हो गई है। उनको ये पता था कि लोक डाउ’न ट्रे’न न’ही चलेगी। लेकिन इसके पीछे सच्चाई क्या है इस हम लोग वाकिफ न’ही है। म’हा’मा’री को रोकने के लिए देश मे लोक डा’उन बहुत ही जरूरी था। ये बी’मा’री बहुत जल्दी सं’क्र’मि’त होने से हो जाती है।उन्होंने अपने लेख में लिखा कि दो’ष हमारा है , हमने जिस स’माज को बनाया है, उसका है।

यह हमारी बहुत बड़ी वि’प’दा में से एक है। जिसे हमारे वो ना’ग’रिक भुगत रहे है जो बेहद ही कम’जोर व’र्ग के लोग है। को’रो’ना की वजह से का’रखा’ने ब’न्द हो रहे है ऐसे में मजदूर को बहुत बड़ी परे’शानी’ का सामना करना पड़ रहा है।उन्हीने आगे कहा कि सच बात तो ये है कि हम सभी बहुत बड़ी आ’प’दा से गुजर रहे है। क’म्पनि’यों के साथ मिलकर कई राज्य सरकारें मजदूरों के हितों की र’क्षा करने वाले श्र’म का’नू’न को नि’लं’बि’त कर रही है और कर भी चुकी है।

इनमे ओ’धोयो’गिक वि’वा’दों से निप’टाने, रो’जगार की सुर’क्षा, मक’दूरो की सेहत और उनकी हालत, न्यूनतम मजदूरी मिलना, व्यापार संगठन तथा प्रवासी मजदूरोंसे जुड़े कानून शामिल है।प्रेमजी ने कहा मैंने जितने समय तक काम किया, उस दौरान कई लेबर यूनियन्स और लेबर लॉ से पाला भी पड़ा। कठोर कानूनों और गलत काम करने वाले ट्रेड यूनियनों से निपट कर मैने करीब 50 साल गुजारे है।

लेकिन पिछले कुछ दशकों में श्रम कानूनोंमें इस तरह का बदलाव आया, जोशायद ही उद्योग ही सबसे बड़ी बाधा में से एक है।बता दे,करोना की कारण सबसे ज्यादा असर मजदूरों पर पड़ा है । मजदूर को बीते 2 महीने से ज्यादा से रोजगार नही मिलने के कारण भुखमरी की नॉबत के बाद उन्होंने अपने गांव की ओर फिर से पलायन करना शुरू कर दिया है । इससे एक अजीब से स्थति पैदा हो गई है ।

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