ऐसे तो हर ध’र्म मे अपने अपने नियम होते है और हर ध’र्म मे ध’र्म के नि’यमो की पा’लना करने के लिए हर देश मे अधिकार दिए गए । हर ध’र्म के अपने अपने अनुयायी भी है और कोई पवित किताब भी होती है, जिसका अध्ययन हर व्यक्ति करता है। हम अपने अपने धर्म की पवित्र किताब का अध्ययन कर अपने ध’र्म को बारीकी से जानने के लिए बेताब होते है।
किसी भी धर्म के बारे में या फिर जिसने इस दुनिया को बनाया है उनके बारे में कहने से सभी देशो की सरकार ने इनके लिए भी सख्त कार्य’वाही की जाने की मांग भी रखी है। हम लोग अधिकतर देखते और फेसबुक पर पोस्ट भी पड़ते है कोई भी ध’र्म के लोग एक दूसरे ध’र्म के बारे में गलत पोस्ट करते है तो उनको स’जा होतो है।
ठीक एक ऐसा ही मामला को’रो’ना वा’इ’रस के बीच फेसबुक पर जोक लिखने वाले का सामने आया है। ये मामला ट्यूनीशि’या का है जहां पर एक महिला ने ‘इ’स्ला’म धर्म के सबसे पवित्र कि’ताब कुरा’न की आ”यतों के लिए जोक पोस्ट किया था। ट्यू’नीशि’या की अदालत ने ब्लॉगर एमना चारगई को करीब 6 महीने की सजा सुनाई है और 700 डॉलर का जुर्मा’ना लगाया है।
जिस पोस्ट में उन्होंने कुरा’न की आयतों को शामिल किया था। मई के महीने में कई गई पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर यूजर्स नारा’ज हो गए, जिन्होंने नो साल पहले लोकतं’त्र की शुरुआत करने वाली क्रांति के बाद समय और इ’स्लाम’वादी रा’जनी’ति के बीच ध्रुवी’कर’ण किया था।
अदालत के प्रवक्ता मोहसिन डाली ने कहा है कि सजा ध’र्म और जा’ति के बीच नफ’र’त फै’ला’ने के आरोप में थी। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कहा है कि अभियोजन पक्ष ने चारगुई कीतरफ से किए गए वकील को अदालत में जाने की अनुमति नही दी गई थी। जहां पर उससे धा’र्मिक मान्य’ताएं और मा’नसि’क स्थिति के बारे में पता कर सके।