ना’गरिकता सं’शोधन का’नून के वि’रोध में भारत के कई राज्यों में लगातार वि”रोध प्र’दर्शन देखने को मिल रहा है । यह प्रदर्शन लगातार तेज होता जा रहा है, वही ताज़ा जानकारियों के अनुसार सर’कार की तरफ से शाहीन बाग प्रदर्श’न कारि’यों से बात करने की भी ख’बर सामने आई है । आपको बता दे, नाग’रिकता का’नून का वि’रो’ध में देश ही नही बल्कि दूसरे देशों में भी इसका वि’रोध प्र’दर्शन देखने को मिल रहा है ।
यह का’नून 11 दिसम्बर 2019 को राज्यस’भा और लोक’सभा में पारित किया गया। इस का’नून के वि’रोध में दिनों दिन प्र’दर्शन जारी है, इस प्रदर्शन में भारी तादाद में म’हिलाएं भाग ले रही है, वही बच्चे, पु’रुष, स्टूडेंट, सो’शल वर्कर भी इसमें शामिल है। बता दे, बीते दिनों ना’गरि’कता का’नून के विरोध में यू’रो’पीय सं’सद में वो’टिंग हुई थी, जिसमें 154 सां’सद न इसके वि’रोध में प्र’स्ताव लाए थे।
इस प्रस्ता’व के लिए वो’टिंग जनवरी के आखिरी सप्ताह में होनी थी,जिसे फिलहाल मार्च तक टा’ल दी गई है । बता दे, ब्रि’टेन भी यू’रोपीय संस’द का हिस्सा था, लेकिन 47 साल बाद ब्रि’टेन यूरो’पीय संस’द से बाहर हो गया है । ब्रि’टेन के बाहर होने से भार’त को इसका फायदा मिलता है या नही ये तो मा’र्च में होनी वाली यू’रोपीय संसद में वो’टिंग के बाद क्लि’यर हो जाएगा ।
नाग’रिकता का’नून के खि’लाफ ब्रिटे’न की तरफ से प्रतिक्रिया आई है । ब्रिटेन ने मीडिया में दिए बयान में कहा कि भारत नाग’रि’कता कानू’न के खिलाफ नाग’रिकों की चिं’ताओं को जल्दी दूर करेगा। ब्रि’टिश उच्चा’युक्त ने आगे कहा कि हमने नोट किया है कि मो’दी सर’कार सभी के साथ मिलकर,सभी के लिए वि’कास और सभी के विश्वास के बारे में बात करते है।
600 of 751 members of the EU parliament have moved six resolutions on CAA/NRC, their greatest concern arising over the likelihood of the controversial citizenship law creating the “largest statelessness crisis in the world”. India says internal matter! https://t.co/7PgZZm4GPf
— Prashant Bhushan (@pbhushan1) January 27, 2020
मेरा मानना है कि यह भारत स’रकार का घो’षणा पत्र है। उन्होंने कहा कि भारत के चल रहे CAA और NRC के खिला’फ भार’त सर’कार जरूर कदम उठाएगी। ब्रिटेन के उच्चा’यु’क्त ने कहा कि यूरो’पीय सं’सद में CAA और NRC के खिलाफ 6 प्रस्ताव पेश किए गए थे। उन्होंने कहा कि यूरो’पीय सं’सद लोक’तांत्रिक संस्था’नों में ब’हस करता है और यह यूरो’पीय सं’सद की आदत है।बता दे कि यू’रोपीय सं’घ से ब्रिटेन 31 जनवरी को अलग हो गया है।
इसी बात पर उन्होंने जोर देकर कहा कि ब्रिटेन भारत का सबसे मह’त्वपूर्ण भागीदार बना रहेगा। उन्होंने कहा कि राजनी’तिक और व्या’पारिक गति’विधियों का विस्तार होगा। भारत की राजधानी समेत कई राज्यो में इस कानून के खि’लाफ रेलिया और धरना स्थापित हो गया है। दि’ल्ली में इस का’नून के खि’लाफ महि’लाओं का धरना शाही’नबाग में चल रहा है। करीब 50 दिनों से इस का’नून के खि’लाफ धरना शुरू है।