नागरिकता सं’शोधन बिल के वि’रोध में लखनऊ में जमा होंगे नेता और सामजिक कार्यकर्ता,बनेगी ये रणनीति

लखनऊ में सिटिजनशिप अमेंडमेंट बिल 2019 और एनआरसी पर कैफ़ी अकादमी निशातगंज में एक मीटिंग आ आयोजन किया जा रहा है । इस मीटिंग में प्रदेश भर के संगठनों , मिल्ली तंजीमें, समाजसेवी और सामाजिक कार्यकर्ता हिस्सा लेंगे । इस मीटिंग में अमीक जमाई, अब्दुल हाफिज गांधी, प्रो पवन अम्बेडकर, खालिक चौधरी, ताहिरा हसन, एडवोकेट आसमा इज्जत, ओवैस सुल्तान खान, यामीन खान और सुहैब खान शामिल होंगे ।

वर्किंग कमेटी इस बिल के विरोध में आगे की रणनीति पर भी चर्चा होगी । कमेटी ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि इस बिल के लिए अब आर पार की लड़ाई लड़ी जाएगी । उन्होंने प्रदेश भर के वकील, सेक्युलर जमात के लोगों के अलावा सामाजिक कार्यकर्तओं से भी इस मीटिंग में हिस्सा लेने और आगे की रणनीति पर विचार करने के लिए आमंत्रित किया है।

आपको बता दे, सि’टि’ज’नशि’प अ’में’ड’में’ट बिल 2019 नौ दिसम्बर को लोकसभा में पेश किया जाना है । मौजूदा सरकार इस बिल को संसद में पास कराने के लिए पूरी कोशिश करेगी। बता दे, सदन में इस बिल को पास कराने के लिए सरकार दूसरी बार कोशिश करेगी । इससे पहले मोदी सरकार अपने पहले कार्यकाल में इसी वर्ष 8 जनवरी को यह बिल लोकसभा में पारित करा चुकी है ।

लेकिन इस बिल के सदन में पास होने के बाद पू’र्वो’त्तर में वि’रो’ध शुरू हुआ था जिसके बाद सरकार ने इसे राज्य’स’भा में पेश नही किया था । मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में यह बिल नई सरकार बनने के साथ ही यह विधेयक स्व’त समा’प्त हो गया था। अब इसे संसद में पेश करने से पहले ही जमकर वि’रो’ध शुरू हो गया है । इस बिल का वि’रो’ध पूर्वोत्तर राज्यों, मेघालय, त्रिपुरा, नगालैंड, असम और अरुणाचल प्रदेश में जमकर हो रहा है।

अ’मि’त शा’ह ने बताया था कि सी’ए’बी में ‘पा’कि’स्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धा’र्मि’क उ’त्पी’ड़’न से 31 दिसम्बर 2014 से पहले भारत मे आने वाले हि’न्दू, सि’ख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई को ना’ग’रि’क’ता प्र’दा’न करने का प्रा’व’धा’न है । उन्होंने ये भी बताया कि 19 जुलाई 1948 के बाद से भारत मे प्रवेश करने वाले अ’वै’ध रूप से रह रहे प्र’वा’सि’यों की पहचान कर उन्हें देश से निकलने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी । बता दे, इस बिल में मु’स्लि’म स’मु’दा’य को शामिल नहीं किया गया है। वि’प’क्षी पा’र्टियां इस बिल के वि’रोध में उतर आई है।

हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी सरकार को घे’रा है । उन्होंने सरकार की मं’शा पर बहु स’वाल उठाए है। अ’स’दुद्दीन ने कहा कि ना’ग’रि’कता वि’धे’य’क बि’ल लाकर सरकार भारत जो एक धर्म आ’धरित देश बनाना चाहती है । ओ’वैसी ने कहा कि इस बिल के लागू होने के बाद हिंदु’स्ता’न और इ’स्रा’ई’ल में कोई फर्क नही रहेगा। उन्होंने आगे कहा कि सं’वि’धान में ध’र्म के आधार पर ‘ना’ग’रि’क’ता देने की कोई बात नहीं है।

इस बिल के वि’रोध में पश्चिम बंगाल की सीएम ने भी बयान दिया है । उन्होंने किया वो किसी भी कीमत पर इस बिल को लागू होने नही देगी चाहे उनकी जान चली जाए। आपको बता दे, एनआरसी को मूल रूप से सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अ’सम में लागू किया गया था । अ’सम के नागरिकों को अगुस्त के महीने में रजिस्टर जारी किया गया था, जिसमें 19 लाख लोगों को बाहर रखा गया है ।

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