दुश्मन पर जमकर बरसे एर्दोगन,बोले- वे न तो कभी हमारी अज़ानों बंद करा सकते और न ही हमारा ध्वज नीचे झुका”

तुर्की की 86 साल सबसे बड़ी जीत के बाद हागिया सोफिया को म्यूजियम से मस्जिद में तब्दील करने के बाद तुर्की समेत कई मुस्लिम देशों में जश्न मनाया । वही दूसरी ओर इस घ’टना के बाद यूरोप सहित कई मुल्क़ों में इसकी चर्चा जोरों पर है और ईसाई समुदाय की तरफ से बयान आ रहे है । तुर्की देश की कई देशो ने आ’लो’चना भी की है। इन सब देशो को करारा जबाव देते हुए एर्दोगान ने बीते दिनों भी कहा था कि ये तुर्की के आंत’रिक मामला है।

इसी बात को आगे बढ़ाते हुए एर्दोगान 15 जुलाई की रात को हुए अस’फल तख्ता’पलट की चौथी वर्षगांठ पर कहा है कि तुर्की के खि’लाफ या उसके भीतर चाहे कितने भी आ’तंकी गु’ट हो । वो म’स्जिद में होने वाली अज़ान को चुप नही करा सकते है और न ही तुर्की के झँडे को झुका सकते है। एर्दोगान ने 15 जुलाई को राष्ट्र के नाम सम्बोधन में कहा है कि फेतुल्ला आतंकवाद संग़ठन ने इस स्वतंत्रता प्रेमी राष्ट्र को झकझोरने की कोशिश की है।

erdogan says do not stop our azaan hagia sophia

अल्लाह का शुक्र है कि वो सफल नहीं हो पाए। उस रात तख्ता’पल’ट ने सार्व’जनिक वि’रो’ध ने इस बात को साबित कर दिया है कि हमारे राष्ट्र का हर एक नागरिक अजान , झंडा ,आज़ादी और आने वाले कल के लिए एक अच्छा नायक बन सकता है। उन लोगो ने राष्ट्र के उन लोगो को निराश किया है जो रा’ष्ट्रीय इच्छा को अपने पैरों के नीचे रखना चाहते है।

उन्होंने आगे कहा है कि तु’र्की अभी स’माप्त न’ही हुआ है। इस राष्ट्र के पास कहने के लिए कोई शब्द नही है, कई परि’योजना को लागू करने के लिए। तुर्की 15 जुलाई को लो’kतंत्र और राष्ट्रीय एकता दिवसके रूप में राष्ट्रव्या’पी दिवस के रूप में चिन्हित करता है। हगिया सोफिया को मस्जिद का दर्जा दे दिया गया है इस फैसले को तु’र्की को’र्ट ने भी स्वी’कार किया है।

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तुर्की कोर्ट ने कहा है कि हागि’या सोफि’या अब म्यू’जियम नही रहेगा इसको मस्जिद का दर्जा दिया जाएगा। सोफिया में 24 जुलाई को शुक्रवार की नमा’ज अदा करने के साथ ही आम नागरिकों के लिए खोल दिया गया । बता दे, हागिया सोफिया का इतिहास करीब 1600 साल से भी अधिक पुराना है । इन सबके बीच करीब 500 साल तक इस मस्जिद में नमाज होती रही ।

लेकिन प्रथम विश्व युद्ध मे हार के बाद उस्मा’निया सल्त’नत का जवाल शुरू हो गया । उस्मानिया सल्तनत बिखर गया ,इसके बाद तुर्की को 1934 में नया खली’फा मिला . 1934 में कमाल पाशा ने हागि’या सोफि’या म’स्जिद को म्यू’जियम में बदल दिया था,यानी सुल्तान फतेह द्वारा खरीद गया चर्च 1443 से मस्जि’द के रूप में आबाद था लेकिन कलाम पाशा ने इसे ब’न्द किया ।

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आज तुर्की सदर रजब तैयब एर्दोगन न3 इतिहास से सबक लेकर एक बार फिर उम्म’ते मुस्लिमा को खुश होने का मौका दिया और हागिया सोफि’या म्यूजि’यम को मस्जि’द में बदलकर इतिहास रच दिया ।

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