यूरोप और एशिया के मध्य में बसे हुए दो देशो अज’रबैजान और अ’र्मेनिया के बीच त’नाव च’रम पर है। पिछले दिनों हुए सं’घ’र्ष में अज’रबैजान के जनरल समेत दोनो देशो के 16 से’नि’को की मौ’त हो गई थी। इससे दोनों देशों के बीच 3 दशक से चला आ रहा वि’वा’द और ज्यादा गह’रा हो गया है। तुर्की भी अजरबैजान के समर्थन में आया है। तुर्की के र’क्षा’मं’त्री ने ध’म’की दी है कि अर्मेनि’या को इस ह’म’ले की कीमत चुकानी होगी।
बता दे, अर्मेनि’या ने अ’जर’बैजान की तीन दशक पहले जब’रद’स्ती जमी’न ह’ड़’प ली थी, अज’रबैजा’न पर लगातार ह’म’ले भी किए । अजरबै’जान से आ रही खबरों के मुताबिक अर्मे’निया की से’ना ने देश की उत्तर पश्चिमी सीमा पर अजर’बैजा’न की सै’न्य चौ’कियों पर तो’पो से भी’ष’ण हम’ला किया था। तुर्की के राष्ट्रपति ने शुक्रवार को कहा है कि ह’गिया सो’फिया को मस्जि’द में बदलना विवाद का विष’य न’ही है ।
एर्दोगान ने इस बात पर जोर देकर कहा है कि तुर्की ने इस्तं’बूल में फिर से मु’स्लि’म इ’बाद’तों के रूप में अंतराष्ट्रीय प्रति’क्रिया को नही देखा है। बता दे कि 24 जुलाई शुक्रवार को 1000 से लेकर 1500 न’माजि’यों की न’माज हुई । इसके एरोडोगन हागिया सोफिया मस्जिद भी गए ।अजरबैजान पर हुए ह’म’ले के बाद तुर्की ने कहा है कि तुर्की कभी भी अजरबेजान को अकेला नही छोड़ेगा।
इसके बाद ली’बिया’ई सं’घ’र्ष पर बोलते हुए ए’र्दोगा’न ने कहा है कि हम अपने लीबि’या के भा’इयों को अके’ला न’ही छो’ड़ें’गे।लीबि’या वे साथ हमारा सम्बंध 500 साल पुराना है। हगिया सोफिया को मस्जिद में तब्दील करने के बाद तु’र्को की आलो’च’ना की आज रही है । ग्रीस समेत कई देशों ने इसकी आ’लो’च’ना की है।
तुर्की के राष्ट्रपति ने अपने एक बयान में कहा कि ये मस्जिदे अल’ अ’क्सा की वापसी के लिए कदम है। हागिया सोफिया के बाद एरोडोगन ने मस्जिद ए अ’क़्सा का मु’द्दा उठाया तो इसके सम’र्थन देने के लिए पाकिस्तान और मले’शिया भी आए है। इस दोनों देशों ने कहा है कि उ’स्मा’निया स’ल्त’नत को फिर से लाने के लिए जो भी कदम होंगे वो उठाएगे ।