86 साल बाद हागि’या सोफि’या के फैसले के बाद तुर्की देश अब मु’स्लिम देशों समेत सुर्खिया बटोर रहा है । तुकी के लोगो ने सड़को पर जश्न भी मनाया और अ’जान भी दी गई। तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगान इंटरनेशनल मीडिया पर भी सुर्खियों में लगे हुए है। हगिया सोफिया के फैसले के आने के बाद कई देशों ने आ’लोचना भी की है। तुर्की के राष्ट्रपति का हाल ही में एक बयान आया है जो आलो’चना किए गए वालो का जबाव है।
एर्दोगान ने कहा है कि तुर्की में चर्चो और यहूदी पूजा स्थलों की संख्या किस भी यूरोपी’य देश मे ‘म’स्जिदों की संख्या से दो’गुनी है।एर्दोगान ने कहा है कि ये तुर्की देश के अधिकारी थे जिन्होंने सोफिया को एक च’र्च में बदल दिया था। उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा है कि जिस तरह से हमारे पूर्वजों ने म’स्जिदों को सम्भला है । और देखरेख की है उसी तरह हम भी सोफिया को रखेंगे।
तुर्की में गैर मुस्लि’म पू’जा स्थान यूरो’प में म’स्जिद की संख्या से चार से पांच गुना से भी अधिक है। उन्होंने बताया है कि तु’र्की में हर 460 गैर मु’स्लिमो के लिए एक पू’जा स्थल है जबकि यूरोप में 2,000 मुस’लमानों के लिए एक ही म’स्जिद है। तु’र्की कोर्ट ने 1934 के कैबिनेट फैसले को र’द्द कर दिया है और कहा है कि सोफिया अब मस्जिद है।
बता दे कि सोफिया मस्जिद में 24 जुलाई शुक्रवार से पांचों वक्त की नमा’ज अदा की गई थी । तुर्की सदर जुमे की नमाज के बाद हागिया सोफिया मस्जिद भी गए थे । हगिया सोफिया के फैसले के आने के बाद राष्ट्रपति एर्दोगान ने एक बयान में कहा है कि सोफिया में गैर मुस्लिम, विदेशियों को भी आने दिया जाएगा।
बीते दिनों ही एर्दोगान ने कहा है कि मस्जिदे अक्सा भी जल्द ही इज’रा’यल के गि’र’फ्त से मु’क्त होगी। कहा है कि तुर्की जल्द ही अल अक्सा मस्जिद को रि’हा करा’एगा। इस कदम में ए’र्दोगान का पा’किस्तान और मलेशि’या ने भी सम’र्थन किया है और कहा है कि ख़िला’फ़ते उस्मा’निया होने का पहला कदम बताया है।