फि’लिस्ति’नी और इ’जरा’इल के लोगों में, सरकारों के मध्य तकरीबन बीते 70 सालों से हर दिन ही लड़ा’ई होती रहती हैं । विदेशी मीडिया के अनुसार इस’राइल ने एक बार फिर ऐसी हरकत की है जिससे फिलिस्ती’न ही नही दुनिया भर के मु’स्लिमों में गु’स्सा है । को’रो’ना महा’मा’री के बीच Google ने फि’लिस्ति’नी मेप को Google maps से ह’टा दिया गया है। इस कदम के विरो’ध में बहुत सारे मु’स्लि’म सोशल मीडिया पर प्र’द’र्शन कर रहे है ।
इसके बाद कुछ लोगो ने इस बात का भी दावा किया है कि सिर्फ गू’गल ने ही नही बल्कि एप्पल ने भी इसको अपने मैप्स में से ह’टा दिया है। आपको बता दे, इ’सराइ’ल और फि’लि’स्ती’नियो के आमने सामने की बड़ी वजह मस्जि’द ए अ’क़्सा है । जहां य’हू’दी लगातार मुस्लि’मो को परे’शान करने में लगे रहते है तो वही फि’लिस्ती’न नागरिक और उनका गट ह’मास समय समय और इ’स’राइल का जवाब देते रहते है ।
बता दे कि जो इ’जरा’इल और येरु’शल’म के लोग ही गूगल मैप के जरिए इनको देख सकते है जैसे कि इसका दावा इ’जरा’इल ने भी किया था कि अल अक्सा मस्जि’द’ का हिस्सा इ’जराइल के भीतर आता है। ये गूगल द्वारा पता नही लग पाया है कि उन्होंने फि’लिस्तिनी नक्शे को क्यो हटाया है? ये पहली बार नही है बल्कि जब गूगल ने ऐसा किया है साल 2016 और 2018 में भी ऐसा हो चुका है।
इसे गूगल ने अपने नक्शे से हटा दिया था। 2016 और 2018 के वि’रोध के बाद, गूगल ने इसको वापस मेप पर डाल दिया था।बता या जा रहा है कि 2020 में ये कदम एक सख्त तरीके से बताया जा रहा है क्योंकि गुगल मैप्स से नए अपडेट के साथ आया है जहाँ पर मेप पर फिलि’स्ति’नी के कोई भी संकेत नही दिखाता है। इ’जरा’इल और फि’लि’स्ति’नी कि लड़ा’ई हजारो साल पहले से चल रही है।
म’स्जि’दे अ’क्सा जिसको बैतूल मु’कद्दस भी कहते है। इस्लाम धर्म मे मक्का और मदीना शरीफ के बाद इसको तीसरा पवित्र स्थल माना जाता है . लेकिन यहां पर य’हूदि’यों के जमाव’ड़ा है। इन दोनों समुदाए के लोगो ने ही एक ही जमीन को अपना मन लिया। इन दोनों के बीच लड़ा’ई होती गई और फिर येरुशलम शहर आधा इज’राइल के कब्जे में आ गया ।
पूरे एरिया और ‘इज’रा’इ’ल के कब्जे हो गया। वेस्ट बैंक ओर गाजा में फिलिस्ति’नी को जगह मिली। 2014 में फिलिस्तीन का एक गुट ह’मास और इ’जराइ’ल में जं’ग छिड़ी हुई है । वेस्ट बैंक पर इज’रायल के कब्जा है, गाजा में फिलि’स्तिनी लोग रहते है। इजरा’इल की मिलि’कट्री ने वहां पर डे’रा डाल रखा है।
बता दे, म’स्जिद ए अ’क़्सा मु’स्लिमों के लिए अहम मकाम रखता है, क्योंकि मस्जि’द ए ‘अ’क़्सा 1 साल पांच महीने तक किबलाए अव्वल रहा फिर इसके बाद मदीना के मगरिब जानिब एक मस्जिद में वहि आई उंसके बाढ़ किबलाए अव्वल मस्जिद ए अ’क़्सा से काबा शरीफ हुआ ।