बचपन की यादें इंसान कभी भी नही भूलता है। खासकर के बचपन के दोस्त। जिनके साथ हम अपनी बेहतरीन लम्हो को भी बिताते है। आज हम आपको एक ऐसी ही कहानी के बारे में भी बताने जा रहे है। जिसे पढ़कर आपकी आंखें भी नम हो जाएगी।
साल 1947 में भा’रत और पा’कि’स्तान के विभाजन के दौरान कई लोगो ने अपने दोस्तों और रिश्ते’दारों को भी खोया है। उनमे से सरदार गोपाल सिंह और मोहम्मद बशीर भी थे लेकिन किस्मत ने 74 साल बाद दोनों को भी मिलवा दिया। जब यह दोनों दोस्त कर’तारपुर के गु’रुद्वारा दरबार
साहिब से मिले थे तो भावुक हो गए। इन दोनों दोस्त मिलने के बाद बेहद ही भावु’क हुए। इनके पास जो लोग खड़े हुए थे वह भी भावुक हुए।पा’कि’स्तान के नरोवाल में रहने वाले 91 साल के बशीर को इस बात का नही पता था कि भारत मे रहने वाले अपने दोस्त गो’पाल से कभी भी मिल नही पाएंगे।
94 साल की उम्र में सरदार गोपाल के लिए भी बशीर से इस तरह मिलना भा’वुक करने वाला भी रहा है। ऐसे मामले देश मे बहुत ही कम देखने को भी मिलते है और कि देश का विभाजन होने के बाद भी आज भी दोनों सरहदों के बीच मे इतनी मोहबत भी है।
इससे पहले भी एक मामला सामने आया था। जिसमे एक शख्स ने बट’वारे के वक्त भारत आ गया था। वह अपने पास के एक मालिक को अपनी दुकान की चाबी देकर भी आया था। जिसे आज तक इसके बारे में पता भी नही है।