तुर्की के हागिया सोफिया को म्यूजियम से मस्जिद में तब्दील करने के बाद जश्न का माहौल है। तुर्की के राष्ट्रपति इंटरनेशनल मीडिया पर सुर्खिया बटोर रहे है। सोफिया के बदलने के बाद दुनिया मे नई बहस उन मस्जिदों के लिए शुरू हो गई है जो निर्माण तो मस्जिद के तौर पर हुई । लेकिन अब अवैध कब्जों की वजह से उनकी मौजूद स्थिति कुछ और ही है। तुर्की के सोफिया को बदलने के बाद एर्दोगान ने एक बयान में कहा कि मस्जिदे अल अक्सा भी इजराइल के गिरफ्त से मुक्त होगी।
इसी बीच यूएई के शारजाह सुल्तान बिन मोहम्मद अल कासिमी ने स्पेन में कोडोरबा चर्च को वापस लेने की मांग की है। अमीरती राजा ने मीडिय से बात करते हुए इंटरव्यू में कहा है कि हम कोडोरबा मस्जिद की वापसी की मांग करते है , जो चर्च को दी गई थी।स्पेन के दक्षिणी क्षेत्र में स्थित आंदालुसिया में मेजविक्ता के रूप में जानी जाने वाली कोडोरबा मस्जिद 10 और 1 वी शताब्दी के उमय्यद खिलाफत के दौरान पश्चिम में मुस्लिम लोगो के लिए इबादत के जगह थी।
स्पेन में मुसलमानों ने 800 साल तक हुकूमत की लेकिन आज वहाँ पर मुसलमानों का नामो निशान भी नही है। मस्जिद ए कुर्तुबा पहले दुनिया की आलीशान मस्जिदों में शामिल है लेकिन नमाजियों से खाली है।मस्जिद ए कुर्तुबा मुसलमानों का एक अजीम शाहकार है तामीर के एतबार से भी और एतिहासिक विरासत के तौर पर भी है।
इस मस्जिद की तामीर करीब 200 साल में जाकर पूरी हई थी। जिंसमे लगभग 1000 खम्बे है। जो 1931तक दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद हुआ करती थी। इसकी बनावट आज भी दुनिया के लिए एक मिसाल है। कुर्तुबा शहर की शोहरत इसके बड़े होने की वजह से नही थी बल्कि ज्ञान का केंद्र होने के वजह से थी।
इतना ही नही हमारे उर्दू के जानेमाने शायर अल्लामा इकबाल ने इस म’स्जिद पर नज्म लिखी थी । इक’बाल ने एक सिंबल के तौर पर ये लिखा कि मुसल’मा’नों के उरूज और जवा’ल की सबसे बड़ी दा’स्तान है। ये इंसानी तारीख की बु’लंदी और गि’रावट की नक्का’शी करती है। कुर्तुबा शहर उस वक्त पूरी दुनिया कां के’न्द्र रहा करता था, नई नई तहजीब भी यहॉ से जन्म लेती थी।