हाजी मस्तान वो नाम है जिसे मुम्बई अंड’र’व’र्ल्ड डॉन को कभी नही भुलाया नही जा सकता है। एबीपी न्यूज़ के अनुसार दा’ऊ’द और प’ठा’न गैं’ग को एक करने वाला म’स्ता’न, नामी मा’फि’या व’र्धा को भी अपने इशा’रों पर काम करता था। दिलीप कुमार से लेकर संजीव कुमार तक उसकी मुलाकात भी थी। साल 1926 को शुरू हुई म’स्तान की कहानी 1994 में ख’त्म हो गई।
चलिए आज हम आपको यही कहानी भी सुनाते है। एबीपी न्यूज़ के प्रमुख सम्पादक मिलिंद खांडेकर ने साल 1991 में प्रभट किरण नाम के अखबार के लिए मस्तान का इंटरव्यू भी किया था। इस इंटरव्यू में मस्तान ने अपने ऊपर लगे हुए सभी आरो’पो’ ‘को खा’रि’ज भी कर दिया था। उनको खुद को व्या’पारी भी बताया था।
जेपी के सामने त’स्क’री छो’ड़’ने वाले कसम खाने वाले मस्तान ने इन इंटरव्यू में कहा था कि उसने जेपी को मु’ल्क के खि’ला’फ का’म न क’रने का वचन भी दिया था। इसमे यह बात साफ थी कि साल 1991 तक पहुँचते पहुँचते मस्तान मंझा हुआ नेता भी बन गया था।कहा जाता है कि मस्तान डॉ’न जरूर था
लेकिन उसने कभी भी गो’ली न’ही चलाई। किस कि भी जा’न नही ली। 555 सिगरेट पीने वाले मस्ता’न पर किसी भी अदा’ल’त में कोई गुना’ह भी सा’बि’त न’ही हुआ। मस्तान ने 8 साल की उम्र में मुम्बई भी पहुँचा था। इसने पहले साइकिल की दुकान को खोला और फिर डाक पर कुली भी बन गया। यहां उसकी दोस्ती एक
अर’ब त’स्क’र से हुई। एक मामले में वो जे’ल चला गया जब वो जेल से लौटा तो मस्तान ने उसकी पे’टी खो’ली भी न’ही थी। इससे मस्तान की पूरी जिंदगी भी बदल गया क्योकि आधा सोना अ’रब त’स्क’र मस्ता’न को दे गया था। त’स्क’री की राह पर चलकर वो अ’मी’री की ऊंचाइयों पर पहुँच गया। source- bbchindi, aajtak, abplive