कहां लापता हो गए भारत के ये सबसे बड़े खजाने, अरबों के हीरे- जवाहरात का आजतक नहीं चला पता

एक समय भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। देश में हीरे जवाहरात और अमूल्य वस्तुओं के भी खजा’ने थे। इनमें से कई खजाने वि’दे’शी आ’क्र’म’ण का’रियों के हा’थ ल’गे तो कई का आज यक भी पता न’ही चला है। ऐसे में कुछ तो समय के परिवर्तन के साथ भी क’ही खो गए है।

आज हम आपको ऐसे ही ख’जा’नों की कहानी भी बता रहे है। जिसका आज तक भी पता भी नही चला है। 500 साल पहले गा’य’ब हुए म’ना’सिह के’खजा’ने से लेकर रा’ज’गी’र का ख’जा’ना आज भी र’हस्य बना हुआ है। मान’सिंह प्र’थम का ख’जा’ना … मान’सिह प्र’थम अक’बर की से’ना के से’नाप’ति और ज’यपिर के पूर्व शा’षक थे।

india top treasure

वह अ’क’बर के शा’ही दर’बार के नव’रत्नों में से एक भी थे। माना जाता है कि 1580 के दशक में वो अ’फ’गानि’स्तान से मो’हम्म’द ग’जनी’ का ख’जा’ना लेकर भा’रत भी आए थे। इस ख’जा’ने को उन्होंने अ’कबर को नही दिया। बल्कि जयग’ढ़ क’ब कि’ले में छिपा दिया। कुछ लोगो का मानना है कि ख’जा’ने को कि’ले के प्रां’ग’ण के

भूमि’गत तं’कियो में भी रखा गया था। इस खजाने कि खोज में आपा’तका’ल के दौरान तत्का’लीन प्रधा’नमंत्री इं’दिरा गां’धी ने कि’ले में खो’दाई’ का आदे’श भी दिया था। इसके बाद में बताया गया है कि कुछ भी नही मिला,हालांकि स’र’कार के इस दावे पर ‘विप’क्ष हमेशा’ से ‘उठाता’ भी रहा है।

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सोनभण्डार’ गुफा, ‘बि’हार ….यह गुफा बि’म्बिसार के खजा’ने की है। इस बात को भी कहा जाता है कि पश्चि’मी गुफा की दी’वार पर उकेरे गए शं’ख लि’पि में लिखे शिला’लेख एक तरह का कोडवर्स भी है। इसी को सुल’झाने से खाज’ने का दर’वाजा भी खुल सकता है।

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