दुनियाभर मे को’रो’ना महा’मा’री ने हर तरीके से त’बा’ही मचा दी है । आ’र्थिक मोर्चे पर भी कई मुल्कों की हाल’त ख’स्ता होती जा रही है । भु’खम’री ओर बे’रोज’गारी लगातार बढती जा रही है । ऐसे लम्हो में तुर्क की राष्ट्रपति रेसैप तैयब एर्दोगान ने इ’स्ला’मी आर्थि’क प्रणाली को इस सं’कट से बाहर निकलने की कुंजी बताई ।एर्दोगान ने विडियो के माध्यम से तु’र्की के इस्तांबुल मे इस्लामी अर्थशास्त्र ओर वित्त पर आयोजित 12 वे अन्तराष्ट्रीय सम्मेलन को सम्बोधित करते हुए यह बात कही ।
कोरो’ना म’हामारी की वजह से आ’र्थिक पृष्ठभूमि के खि’लाफ ए’रदोगान ने कहा कि ओवर-फाईनेन्सिग ने एक ऐसा फुल हुआ आ’र्थि’क मॉडल बनाया है । जो, सामाजिक ओर मानवीय मूल्यों पर विचार किये बिना केवल अनर्जित आय के बारे मे काम करता है ।एर्दोगान ने इसी के साथ ये भी कहा कि, जिस तरह का वादा किया गया है उसके वि’परित आय ओर धन का वितरण समान तरह से नही हो रहा है ।
जिस वजह से पुरी दुनिया मे संतु’लन बिगड़ रहा है । और एक-दुसरे देशो के बीच खाई बढकर चौड़ी हो रही है । राष्ट्रपति एर्दोगान ने कहा कि दुनियाभर मे लगभग लाखों लोगो की मौ’त’ को अकेले कोविड-19 से जोडा नही जा सकता, कई देशो की प्रणाली ऐसी हो जो केवल अमीर लोगो की र’क्षा ओर मजबूत करती है ।
एर्दोगान ने शक्ति’शाली राष्ट्रों के आर्थिक मॉडल पर सवालिया निशान भी उठाया । और कहा कि कुछ देशो मे स्वास्थ्य बीमा के बिना लोगो को म’र’ने के लिए छोड़ दिया गया था । इसी कडी में उन्होने कहा कि कई समृद्ध देशो को अपने नागरिक को मास्क ओर दवाई वितरित करने मे कठिनाई होती है ।
बता दे, बीते दिनों हागिया सोफिया को म’स्जि’द बदलने के बाद एर्दोगन ने म’स्जि’द का दौरा किया । एर्दोगन मस्जिद का दौरा करने पहुँचे थे । एर्दोगन ने यूरोप को करारा जवाब देते हुए कहा की तुर्की में चर्चो की संख्या दुगुनी है जबकि यूरोप में मस्जिदों की संख्या बहुत कम है ।