आज के वक्त में ऐसे लोग भी रहते है जो अपने बच्चों की तरह ही किसी दूसरे जा’न’व’र को अपनी सं’ता’न जैसे समझते है। उस’को पाल’ते है ठीक वैसे ही उसका ला’लन पाल’न भी करते हैं। बीते दिनक से ही सो’शल मी’डि’या पर एक मामला बहुत दे’खने को मिल रहा है।
इस कहानी को देखने के बाद कई लोग आश्चयच’कित हो गए। एक बकरे का नाम कुल्लू है। कुल्लू जैसे ही म’रा परिवा’र ज’नों में शो’क की ल’हर दौड़ गई। उस’की मृ’त्यु होने के बाद उसके मा’लिक ने उस’का हिन्दू री”ति’रिवा’जों से अं’तिम सं”स्कार किया। उन्होंने मृ’त
आ’त्मा के लिए ब्रा’ह्म’ण भो’ज भी रखा। उन्हों के इसके लिए गां’व में न्यो’ता दि’यायह मामला सिरा’थू तहसील क्षेत्र के सयारामोठेपुर निहालपुर गांव निवासी होमगर्ड रामप्रकाश यादव एक बक’रा पाल रखा था। बकरा कु’ल्लू घ’र मे सभी से का’फी ज्या’दा घु’ल मि’ल गया था। राम’प्रकाश यादव बक’रे का अपना बेटे
जैसा पा’ल’न पो’षण करते थे। यह बक’रा दो दिन से बी’मा’र था। बीते दिनों ही उसकी अ’चान’क मौ’त हो गई। कुल्लू की मौ’त के बाद उसके परिज’न दु’खी हो गए। राम प्रकाश यादव ने कु’ल्लू की श’व या’त्रा भी निका’ली। अपने ख’त में हि’न्दू री’ति रिवा’जों से अंतिम संस्कार कर दिया।
कुल्लू के मा’लिक ने कहा है कि ब’करा साढ़े पांच साल का था। तबि’य’त खरा’ब हुई पता नही लेकिन दो दिन बाद उसकी मौ’त हो गई। उनकी कोई सं’ता’न न’ही है इसलिए उन्हों ने अ’पनी जी जा’न से उस’को पाला था।