आखिर कैसे बने मोहम्मद सिराज एक चमकते हुए सितारें, वे कौन से पड़ाव थे… जिन्हे पार कर आज की कामयाबी तक पहुंचे ?

मोहम्मद सिराज ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए क्रिकेट मैदान में अपना जलवा भी बिखरते हुए नजर आते ह। टेनिस बोल क्रिकेट से सिराज ने शुरुआत भी की थी। 11 साल की उम्र में उन्होंने नियमिय खेलना भी शुरू कर दिया। हैदराबाद में टेनिस बोल लीग के स्टार भी बने है। उनके पिता ऑटो रिक्शा भी चलाते है।

उनके पिता ने इस बात को मान लिया था कि अपने बेटे को क्रिकेट टेलेंट निखारने के मौका भी मिलना ही चाहिए।साल 2015 वो जब चारमीनार क्रिकेट क्लब में शामिल हुए तो तब असली गेंद से गेंदबाजी करना भी शुरू किया था। कुछ ही महीनों के अंदर उन्होंने हैदराबाद अंदर 23 की टीम में भी शामिल हो गए थे। जब वो फर्स्ट क्लास क्रिकेट में भी खेल रहे थे।

mohammad siraj

साल 2016 और 17 में सिराह ने रणजी ट्रॉफी में 43 विकेट लिए और खुद को लाल गेंद वाली क्रिकेट में भरत के सबसे होनहार तेज गेंदबाजों में से एक के रूप में भी पेश किया था। आईपीएल फ्रेंचाहिजी भी सिराज के लिए बोली युद्ग में लग गए जो अब तक नही रुका जब तक सनराइजर्स हैदराबाद ने 2.6 करोड़ रुपए

का भी भुग दान नही किया। यह रकम सुनकर भी सिराज सुन्न हो गए थे। उनके पिता को कम करना बं’द करने के लिए भी कह दिया।भारत की टेस्ट में जीत और सिराज एकदम ही अनुभवी हो गए थे। सिडनी में अपने दूसरे टेस्ट में पहले भारत के राष्ट्रगान के दौरान उन्हें रोते हुए भी देखा गया है।

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उन्होंने उन पिता को याद किया है जो आपने बेटे को एक टेस्ट क्रिकेट में भी देखना चाहते थे।सिराज के पिता का को’रो’ना के वक्त इं’तका’ल हो गया था। जब भी सिराज ने हार नही मानी और मैदान में अपने प्रदर्शन को बरकार भी रखा था।

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