कहते है पूत के पाव पालने में ही दिखने लगते है। उसकी तो पैदाइश ही ऐसे घर जहां उसका पूरा खानदान तेज गेंदबाज था। जिसके पिता गेंदबाज, सारे के सारे भाई गेंदबाज। लेकिन जो पिता और भाई ने नही कर दिखाया वो टीम इंडिया के पेसर बनकर कर दिखाया मोहम्मद शमी ने। मोहम्मद शमी ने आज अपना 31 व जन्मदिन मनाया है।
इस दौरान मोहम्मद शमी ने 8 साल इंटरनेशनल क्रिकेट को भी दिए है। शमी की गिनती टीम इंडिया के सबसे बड़े खिलाड़ियों में भी होती है। मोहम्मद शमी ने साल 2013 के जनवरी महीने में अपना इंटरनेशनल डेब्यू पा’कि’स्ता’न के खि’लाफ वनडे मुकबके के जरिये भी खेला था। इस मैच में शमी ने 4 ओवर में मेडन डाले और अपने पहले ही इंटरनेशनल वनडे में ऐसा करने वाले भारतीय गेंदबाज भी बन गए है।
इसके अलावा नवंबर 2013 में उन्होंने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहला टेस्ट मैच भी खेला था। वहां उन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट में 9 विकेट हासिल किया था। ऐसा करने वाले वो भारत के पहले गेंदबाज थे। बता दे कि शमी भारतिय क्रिकेट मैच के भी विनर गेंदबाज है। साल 2018-19 में हुए साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के दौरे पर उन्होंने हर तेज पिच पर 6 या उससे ज्यादा विकट भी चटकाए थे।
बता दे कि मोहम्मद शमी यूपी के अलमोरा जिले के सहसपुर गांव के रहने वाले है। उनकी पिता भी युवावस्था में एक गेंदबाज थे। वो अब किसान है। शमी अपने भाइयों से बहुत ही ज्यादा अलग थे और इनका क्रिकेट खेलने का अंदाज भी बहुत अलग था। शमी जब बंगाल के मोहन बागान क्लब के हिस्सा थे तो उसी दौरान
सौरव गांगुली को नेट्स पर गेंदबाजी करने का मौका भी मिला। गांगुली शमी की स्किल्स को देखकर भी ढं’ग रह गए। इसके बाद साल 2010 में शमी को रणजी ट्राफी में जगह भी मिली। यही से शमी का सफर भी शुरू हुआ।