मिसाल: मुस्लिम लड़के ने रोजा तोड़ खून देकर बचाई हिंदू बच्चे की जान, विडियो देखिए

देश मे हिन्दू और मु’स्लिम समु’दायों के बीच भले ही कितने भेद’भाव क्यो न हो लेकिन अक्सर ही दोनो स’मुदाय के लोग एकता की मिसाल पेश करते है।ऐसा ही एक मामला बिहार के दरभंगा जिले से हि’न्दू मु’स्लिम एक’ता की मिसाल देखने को मिली है। एक मु’स्लिम युवक ने रमजा’न के महीने में रोजे रखकर अपना रो’जा तोड़कर दो दिन के एक हि’न्दू बच्चे को अपना खून दान करके उसकी जा’न ब’चाई है।

एबीपी लाइव पर छपी खबर के अनुसार, बच्चे के परिजनों ने फे’सबुक पर आम लोगो से खून दान देने की अपील की थीबच्चे के पितारमेश कुमार सिंह एसएस’बी में जवा’न है। देश की सेवा के लिए अरुणाचल प्रदेश में तैनात है।रमेश की पत्नी आरती कुमार ने दो दिन पहले ही एक प्राइवेट अस्प’ताल में बच्चे को जन्म दिया था। लेकिन इसके बाद बच्चे की त’बीयत बि’गड़ने लगी।

डॉक्टर ने बच्चे को आई’सी’यू में भ’र्ती कर लिया था।डॉक्टर ने बताया कि बच्चे को खू’न की कमी है । अगर समय पर बच्चे को खून नही चढ़ा’या तो बच्चे की जा’न भी जा सकती है।इसके बाद मोहम्मद अशफाक ने फेसबुक पर इसके बारे में पड़ा और अस्पताल में खून देने के लिए पहुँ’च गए।डॉक्टरों ने अश’फाक का खू’न लेने से म’ना कर दिया क्योंकि वो रम’जान से थे और उन्होंने सुबह से कुछ नही खा’या था ।

इसके बाद अशफाक ने अपना रो’जा तो’ड़ लिया ओर अस्प’ताल में खाना मंगवा कर खा लिया।मीडिया से बात करते हुए अश’फाक ने कहा कि रोजा तो ओर कभी रख लेंगे अगर बच्चे को समय पर खून नही मिलता तो कुछ भी हो सकता था।अ’शफाक ने यह भी कहा कि मुझे इस बात से कोई फर्क नही पड़ता कि बच्चा किस जाति धर्म का है। जान सबसे बड़ी चीज होती है।ऐसे कई मामले हम देखते भी है सबसे पहले हमारा ध’र्म नही होता बल्कि सबसे बड़ी हमारी इंसा’नि’यत होतीहै।

देश मे कई तरह के लोग न’फ’रत फै’लाने का काम आएदिन करते रहते है लेकिन हमारे देश मे अभी भी भाई’चारा बाकी है। ईस कोरो’ना संक’ट के समय भी मु’स्लि’म प’रिवारों ने कई हिं’दु’ओ की मदद की है । बता दे, लॉक डाउन के समय मे भी कई राज्यो में अभी भी नफ’रत फै’लाने के लिए कुछ लोग लगे हुए है । लेकिन देश की गंगा जमुना तह’जीब ने देश को हमेशा से सुरक्षित रखा है और आगे भी रखेंगे ।

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