आज भी देश मे आपसी भा’ई’चारे की मिसाल देखने को मिल रही है। इस मिसल को एक बार फिर मु’स्लि’म महिला ने अपने हि’न्दू पति की जिंद’गी को बचा’ने के लिए अपना लिव’र उसके नाम कर दिया है। जो काफी ज्यादा पी’ड़ि’त था। हैदराबाद के गलेनि’गल्स ग्लोब’ल हॉस्पि’टल के ‘डॉ’क्टरों ने इस साल मार्च में मध्य
में मु’मताज के लिवर को उनके पति वेकण्ट सुब्बा रेड्डी में सफ’लतापू’र्वक ट्रां’सफर भी किया है। मुमताज ने अपने प’ति को ब’चाने के लिए अपनी जा’न की बा’जी भी लगा दी ह। जिसकी हालत बहुत ही ज्यादा बि’ग’ड़ती हुई भी जा रही थी। उनकी जिंद’गी के लिए भी खत’रा बन रही थी।
उन्हीने इस बात को सा’बित कर दिया है प्या’र धार्मि’क सीमा’ओं से भी ऊपर होता है। मुमताज एक मु’स्लि’म परि’वार से ताल्लुक रखती है और उनके पति एक हिंदु है। जो सामाजिक धा’र्मि’क को भी चुनोतियाँ देते है। बता दे कि बीते महीनों ही गलेनिगल्स ग्लोबल हॉस्पिटल लकदिकापुल में उनका
सफलता’पूर्वक ऑप’रेशन भी हुआ है। बता दे कि इस हॉ’स्पिटल के सीनियर कंसल्टेंट लिवर ट्रांसपोर्ट सर्जन राघवेंद्र बाबू ने बताया है कि उनकी अ’च्छी रिक’वरी भी हुई है। अब वो एक सक्रिय औऱ स्वस्थ जीवन भी जी रहे है।
उनकी पत्नी मुमता’ज भी अपने पति का हर तरफ से ध्याब भी रख रही है। वो अपने पति को स्वस्थ’ रखने के साथ ही अपने दैनि’क कामो को भी करती है। खाना बनाने के साथ ही मुमताज अपने पति’सुब्बा रेडी को द’वाई भी सही वक्त पर देती है।