हमारे देश में आपसी भाईचारे की अनेकों मिसाले मिलती है । देश मे आपसी भाईचारे की कई तस्वीरें और कई बातें हमारे सामने आती रहती है। सोशल मीडिया पर आज ऐसे कई तस्वीरें देखने को मिल जाती है जिससे देखने पर सुकून मिलता है । पंजाब ही नही देश के अलग अलग हिस्सों में सिखों और मुसलमानों के बीच आपसी भाईचारा अटूट है । जहां पर साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल देखने को मिलती रहती है।
आज एक ऐसी ही अनॉखी खबर सामने आई है । पंजाब के अमृतसर में स्थित स्वर्ण मन्दिर सिखों का प्रमुख धार्मिक स्थल है । यहां से भाईचारे की मिसाल देते हुए गुरुद्वारे में चल रहे लंगर में अनाज की किल्लत होने पर मलेरकोटला के मुसलमान मन्दिर में लंगर के लिए 330 क्विंटल गेंहू ट्रकों में लेकर पहुँच गए है। स्वर्ण मंदिर में इन मुस्लिमो का सिखों ने बहुत अच्छे तरीकेसे स्वागत भी किया है।
और इनका बहुत बहुत धन्यवाद भी किया ।मालेरकोटला पंजाबके एक ऐसा मुस्लिम बहुल कस्बा है, जहां पर सिखों और मुस्लिमों के रिश्तों में अभी तक दरार नही आई है। 1947 के बटवारे के वक्त जब पंजाब जल उठा था तब उसकी आंच मालेरकोटला तक नही पहुची थी। लेकिन यहां पर दोनो समुदायों ने एक दूसरे की रक्षा करते हुए भाईचारा मजबूत किया था ।
यही से सिख मुस्लिम साझा संगठन के अध्यक्ष डॉक्टर नसीर अख्तर कहते है कि स्वर्ण मंदिर में चलने वाले लंगर में हरदिन एक लाख लोग खाना खाते है।हम लोगो को जैसे ही पता चला कि लंगर के अनाज में कमी आ गई तो यहां पर अनाज लेकर पहुँच गए। लंगर में किसी भी तरह की कमी न आए इसलिए और ज्यादा अनाज जुटाने की तैयारी की जा रही है।
संग़ठन से जुड़े मोहम्मद परवेज के मुताबिक मालेरकोटला के मुसलमानों नेदिल खोलकर गेंहू दान किया है और 22 दिनों में 330 क्विंटल गेंहू इकट्ठा किया है। लोगो ने मंदिर के लिए डडेढ़ लाख रुपए भी दान दिए है। लंगर चलने में कोई कमी न आए।मुसलमान जब गेंहू से भरे ट्रक लेकर पहुचे तो सिखों ने उनका स्वागत किया और लंगर भी खिलाया। विदाई के समय सभी को स्वर्ण मन्दिर का चिन्ह भी तोहफे के रूप में दिया गया।