नसीम अहमद: वह गुरु जिनके सम्मान में आज भी कुर्सी पर नहीं बैठते नीरज चौपड़ा

नीरज चोपड़ा टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बन गए है। उन्होंने 87.58 मीटर जेवेलीन थ्रो के साथ भारत की झोली में गोल्ड मेडल डाल दिया है। नीरज ने अपने पहले प्रयास में 87.03 मीटर, दूसरे प्रयास में 87.58 मीटर और तीसरे प्रयास में 76.79 मीटर जैवलिन फेका था।

नीरज चोपड़ा के कोच नसीम अहंमद ने उनकी प्रतियोगिता वाले दिन कहा था कि इस साल मार्च के महीने में चोपड़ा ने पटियाला आयोजित इंडियन ग्रा प्री थ्री में 88.7 मीटर थ्रो को फेंक था। नसीम ने आगे कहा कि नीरज लय में है और वह यकीनन ही अपने रिकॉर्ड को तो’ड़कर नया

naseem ahmed

कीर्तिमा’न भी स्थापित करेंगे। नीरज के कोच नसीम अहमद बताते है कि नीरज चोपड़ा आज इतने बड़े एथ’लीट होने के बाव’जूद भी आज वो मेरे सामने कुर्सी पर नही बैठते है। वो ज्यादा बात भी नही करते है। जब भी कोई बड़ी प्रतियोगिता में जाते है तो सबसे पहले मेरी दुआ’ओं को लेने के लिए आते है।

मैं उनसे हर प्रतियो’गिता से पहले उनसे गुरुद’क्षिणा मांग लेते हूं और मेडल मांग लेता हूं। वो मेडल जीतते ही मुझे मेडल फ़ोटो सेंड करदेते है।नसीम आगे बताते है कि मैं नीरज का हर वो मैच देखता हूं। फिर भी मेरी जीत तब होती है जब नीरज का मैसेज आता है। यह पल हजारों

naseem ahmed

खिलाड़ियों को तरा’शने के बाद ही नसीब होता है। मैं बहुत ज्यादा खुशनसीब हूं कि देश को नीरज चोपड़ा जैसा एथलीट दे पाया हूं। मेने उनसे ओलंपिक में भी गोल्ड मांग था और उन्हीने इस कारनामे को भी कर दिखाया है।

Leave a Comment