हर हाल ही में इंसान को सफलता भी मिल ही जाती है। बीते दिनों ही NEET परीक्षा का परिणाम आया है। जिसमे पटना के रहने वाले खालिद सैफुल्लाह ने कामयाबी को हासिल भी किया है। पहले उन्होंने मदरसे में पढ़ाई की इसके बाद कुरान हाफिज भी बने।
उन्होंने पटना के रहमानी 30 में नीट की परीक्षा की तैयारी की और अब कामयाब लोगो की लिस्ट में भी शामिल हो गए है। दरभंगा के गांव डोभता जिले के रहने वाले खालिद सैफुल्लाह के पिता मौलाना हाफिज मोहम्मद इस्लाम कासमी पटना की नई अजीमाबाद मस्जिद के भी इमाम है।
नीट के नतीजों के साथ ही देश मे अलग अलग शहरों के कई स्टूडेंट्स ने अपना इतिहास भी रचा है। दरअसल यह कहानी सिर्फ इस युवक के इर्द गिर्द नही घूमती है। इसमें एक गरीब इमाम का अपने बच्चों को उच्चवह शिक्षा प्रदान करने का संघर्ष भी शामिल है।
जिन्होंने खालिद सैफुल्लह से पहले अपने बड़े बेटे को बी टेक और पिछले साल नीट में कामयाब बनाकर एक बेटी को PMCH में MBBS का छात्र भी बनाया है। उन्हीने द वॉयस से बात करते हुए कहा है कि रहमानी 30 ने मंजिल तक पहुँचने में अहम भूमिका को भी निभाया है।
जहां मैंने नीट की तैयारी भी की है। उन्हीने रहमानी 30 के साथ ही अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में भी नीट की तैयारी के लिए आवेदन किया था। रहमानी 30 एक ऐसी संस्था है जिसमे स्टूडेंट्स को खाने और रहने की मुफ्त सुविधा भी दी जाती है।