मुस्लिम देश से आई मजदूरों के लिए बूरी खबर, कम्पनियों को आदेश, बाहरी देशों के नागरिकों को नौकरी नहीं दे बल्कि …

दुनिया में एक तरफ को’रो’ना पी’ड़ि’तों से भा’री तबाही आ गई है तो वही दूसरी तरफ इसके परिणाम भी देखने को मिल रहे है । करोना ने पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया है , कई देश आर्थिक तौर पर कंगाल होने की कगार पर पहुँच गए है । इतिहासकार बताते है कि को’रो’ना ने आज जितनीं आ’र्थि’क नु’क’सान पहुचाया है इससे पहले किसी वबा/बी’मारी ने इतना नुक’सान नही पहुचाया था ।

अरब दुनिया के देश सहित सभी मु’स्लि’म देशों में बाहरी लोगों की तादाद काफी है लेकिन अब को’रो’ना के बाद आ’र्थिक हालात में बदलाव देखने को मिल सकता है । इसकी शुरुआत ओ’मान ने कर दी है ।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ओमान में तेल कम्प’नियों को आदेश दिया गया है कि वह बाहरी देशो के बजाए अपने नागरिकों की ही नो’करी देने का प्रस्ताव सामने आया है । ओ’मान के अलावा भी कई देशों में लोग अपने रोज’गार के लिए प्रवास करते है।

जहां पर उनको रोजगार मिल सके। ओमान के अलावा सऊदी, कतर ने भी कुछ विभागों में प्रवासियों पर बै’न लगा दिया है यानी कि अब प्रवासी उस विभाग में नॉकरी नही कर सकते है ।ओमान के वित्त मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र की कम्पनियों को जुलाई 2021 तक प्रबन्धी”य पदों स’हित विदे’शी क’र्मचारियों के स्थान पर ओमान के नागरिकों को जॉब देने के लिए कहा गया है।

मंत्राल’य ने कहा कि अभी भी बड़ी संख्या में प्रवा’सी अभी भी राज्य में संचालित फर्मो में कार्य पर है।विदेशी ओमान की 4.6 मिलि’यन की आबादी में 40 फीस’दीसे अधिक प्रवासी है। कई दशकों तक खाड़ी राज्य के विका’स में एक प्रमु’ख भूमि’का निभाई है।खा’ड़ी देशों के अला’वा अर’ब कं’ट्री में ल’गभग 25 मिलि’यन वि’देशी ना’गरिक, ज्यादातर ऐशिया’ई रहते है और काम करते है।

2014 के बाद से क’च्चे ते’ल में गि’रा’वट का सामना करते हुए, ओ’मान और ग’ल्फ कोऑप’शन काउंसिल राज्यो ने अपने स्वयं के नागरी’को के लिए रोज’गार पै’दा करने के लिए कड़ी मेह’नत की है।ओ’मान , सऊदी अरब, कुवैत,कतर और बहरीन के जीसीसी राज्य अपनी अर्थव्य’वस्था’ओं में विविधता लाने और लाखों नए लोगो को कार्य करने की मांग कर रहे है।

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