नो’बेल पुर’स्कार का एशि’याई संस्म’र’ण माने जाने वाले रम’न मैग्से’से पुरु’स्कार को बीते दिनों ही घोष’णा कर दी गई है। पुरु’स्कार को जीतने वाले 5 लोगो मे बां’ग्ला’देश की वै’क्सी’न विज्ञा’नी डॉ. फिर’दोसी का’दरी और पा’कि’स्ता’न के ‘मा’इक्रो फाइ’नेंसर मोहम्मद अम’जद श’किब का नाम भी शा’मिल है।
डॉ. का’दरी और शकि’ब के अलावा भी पुरु’स्कार विजे’ता’ओ में फि’लीपींस के पर्यावर’णविद रोब’मतो बेलन, मान’वीय का’र्यो के लिए अमे’रिका के स्टी’वन मुं’सी और खोजी पत्रका’रिता के लिए इंडो’नेशिया के वच’ढाक का नाम भी शामिल है।
70 वर्षीय कादरी डॉ’क्टर को वय’स्को, ब’च्चो और शि’शुओं के लिए कि’फायती का’लरा वै’क्सीन और टैड’फाइ’ड वै’क्सी’न विक’सित करने का श्रय भी दिया जाता है।64 वर्षीय श’किब ने अपने तरह का पहला ही ‘परी’क्षण और ब्या’ज, गि’रव्री मु’क्त मा’इक्रो’फाइनेंस कर्यक्र’म विकसि’त भी किया है। इसमें ब्याज मुक्त कर्ज देने के
लिए इबा’दत के स्था’न पर इसका इस्तेमाल भी किया जाता है। इसके पुनर्भु’गता’न की दर 99.9 फ़ीसदी है। 64 वर्षीय स्टी’वन मुं’सी को म’नुष्य की अच्छाई में अटू’ट विश्वा’स के लिए भी जाना भी जाता है।53 वर्षीय राबर्ती को खत्म हो रहे’ म’त्स्य उद्योग में जान डालने का श्रय भी दिया जाता है।
इसके अला’वा बता दे कि वाच’डक को इंडोने’शिया के मी’डिया ज’गत के आमू’लचिक बदला’व लाने के लिए भी जाना जाता है। नोबेल पुर’स्कार देश का सबसे बड़ा पुरु’स्कार भी माना जाता है। पहले यह पुर’स्कार न्यूज़ चैनल के क्षेत्र में एनडी’टीवी के पत्रकार रविश कुमार को भी दिया गया था।