20 जुलाई 1969 को करीब 51 साल पहले चांद पर किसी आदमी ने कदम रखा । 20 जुलाई 2020 को सँयुक्त अरब अमीरात ने जापान से पहला मंगल ग्रह मिशन लॉन्च किया । बता दे, इस रॉकेट को UAE के ही राशिद स्पेस सेंटर में बनाया गया लेकिन लॉन्च जापान के मिटूबशी रॉकेट केंद्र से भेजा गया ।ये अरब देशों का पहला अंतरिक्ष मिशन है जबकि दुनिया के लिए छठा मंगल ग्रह मिशन है।
UAE से पहले रूस, अमेरिका , चीन , भारत , यूरोपीय यूनियन पहले की मंगल ग्रह के ऑरबिट में जा चुके है ।जापान 2024 में अपना पहला मंगल मिशन लांच करेगा । जापान में हुए इस मिशन को सफल बनाने में अरब देशों के 200 वैज्ञानिकों ने काम किया । इस मिशन की सबसे खास बात ये है कि इस मंगल मिशन को लीड करने वाली वैज्ञानिक साराह अल अमीरी है । बता दे, साराह अल अजीजी की अगुवाई में इस रॉकेट को मंगल ग्रह तक पहुचाने में करीब 200 मिलियन डॉलर का खर्च आया है ।
रॉकेट लांच के समय साराह जापान में ही मौजूद रही । यह रॉकेट को मंगल ग्रह पहुचने में 7 महीने लगेगे जबकिं रॉकेट 2 साल मंगल ग्रह ही रहेगा और सभी जानकारी देगा । सऊदी अरब अमीरात ने हाल ही में जापान के सहयोग से मंगल ग्रह पर अपना अपना पहला इन्टरप्लेनेटरी हॉप प्रोब मिशन शुरू किया है। यूएई का मंगल ग्रह के लिए पहला अंतरिक्ष मिशन 19 जुलाई 2020 को जापान के तनेगशिमा स्पेस सेंटर से लॉन्च हुआ है। यूएई के ये मिशन ग्रह हॉप नाम से डब किया गया है
The UAE team during the final checks before the launch of the Hope Probe, the first Arab interplanetary mission, at the Tanegashima Space Centre in Japan.#HopeMarsMission pic.twitter.com/aqIZmOS11C
— Hope Mars Mission (@HopeMarsMission) July 19, 2020
लॉन्चिंग के दौरान इसे एक लाइव फीड में रॉकेट को मानवरहित जांच करते हुए दिखाया गया है। जिसे अरबी में अल अमल के रूप में जाना जाता है . यूएई की स्पेस एजेंसी का कहना है कि हॉप प्रोब सही तरीके से काम कर रही है। वही यूएन ने भी यूएई की तारीफ करते हुए कहा है कि यूएई का मार्स मिशन पूरी दुनिया के लिए एक योगदान है। ये अरब के पहला अंतरग्रहीय मिशन है।
इस यान में कोई इंसान नही गया है। इसकी लाइव फीड भी दिखाई गई है। इस यान पर अरबी में अल अमल लिखा हुआ है। हा लांकि मार्स मिशन का मकसद इस लाल ग्रह के पर्यावरण और मौसम के बारे मेंसटीक जानकारी इकठ्ठा करना है। हॉप मिशन को अरब जगत में प्रेरणा के एक बहुत बड़े स्त्रोत केरूप में देखा जा सकता है।
उम्मीद है कि इसे से संयुक्त अरब अमीरात के नोजवानों और अरब दुनिया के बच्चों का विज्ञान के प्रति रुझान होगा।रॉकेट निर्माता मित्सुबिशी हेवी इंडस्ट्रीज ने लॉन्च के तुरंत बाद जारी एक बयान में कहा है कि हमने H ll A व्हीकल नम्बर 42(H-llA F. 42) से अमीरात मार्स मिशन होप्सपेस क्राफ्ट को स्थानीय जापानी समय शाम 6.58 पर लॉन्च कर दिया।
المهندسة عائشة شرفي، مهندس نظام الدفع. #مسبار_الأمل#العرب_إلى_المريخ pic.twitter.com/4S2aqMnt4V
— Sarah Al Amiri (@SarahAmiri1) July 8, 2020