सऊदी अरब की म’क्का और म’दीना म’स्जिदों की इ’स्लाम ध’र्म मे काफी अहमियत है । मक्का’ में मौजूद मस्जि’द अ’ल ‘हरम का निर्माण 2130 ईसा पूर्व में हुआ। यह दुनिया की सबसे बड़ी मस्जि’दों में से एक मस्जि’द मानी जाती है। यह इस्ला”म का सबसे पवित्र स्थल काबा के पास मौजूद है। सऊ’दी अरब में कई इतिहास की मस्जि’दे है। सऊ’दी अ’रब से एक खबर सामने आई है 5 ऐतिहासिक मस्जि’दों का पुनः न’वीनीकरण किया जाएगा।
मक्का’ और अ’ल बहा में स्थित, मस्जि’दों में चार से छः दशकों तक एक भी न’माजी नही आया है। यहां पर एक भी नमाजी यो को काफ़ी समय से नहीं आने के बाद इसे म’स्जिद को दुबारा निर्माण के लिए मंजूरी दे दी गई है। स’ऊदी सरकार ने बयान किया पूरे राज्य में करीब 30 उपेक्षित ऐतिहासिक म’स्जिदों को पुनः शुरू करने का लक्ष्य हैं। यह म’स्जिद हज़’रत मोह’म्मद सल्ला’हु अलै’हि वस्स’लाम के जमाने की है।
जहां पर वो रहा करते थे, या इबा’दत किया करते थे । इस मस्जिद को एक ए अ’हाब के युग के दौरान बनाया गया था। इस मस्जि’द को लोगो के शादी करने और फतवे जारी करने के लिए एक कें’द्रीय स्थल के रूप के इस्तेमाल किया जाता था। यह अरब की सबसे पुरानी मस्जि’दों में से एक है। बता दे, इस्ला’म धर्म के पांच स्तंभ में से हज़ की अदायगी की जाती है।
Under the “Restoration of Historic #Mosques” project in #Saudi_Arabia, 30 historical mosques located in 10 different districts have been opened to prayer after renovations, which have been waiting for prayers for nearly 40 years. #Islam #SaudiArabia_Zindabad #unity pic.twitter.com/VoEPZmlVbq
— Engr Ahmed🇸🇦 (@MAhmed73263003) January 9, 2020
यह दुनियाभर में मौजूद इस्ला’म धर्म को मानने वाले मुस्लिम के लिए जिंदगी में एक बार ह’ज करना जरूरी होता है,लेकिन इसके लिए नियम व कुछ शर्तें भी है। सऊदी अरब मु’स्लिम समाज का सबसे पवि’त्र स्थान माना जाता है। सऊ’दी अरब में विश्व प्रसिद्ध म’क्का म’स्जिद और मदी’ना मस्जि’द है।
इन म’स्जिदों में लाखों में न’माजी न’माज पढ़ सकते है । जहां पर हर साल ला’खों की तादात में हा’जी ह’ज करने के लिए आते है। यह तादाद दुनियाभर के देशों से आती है । बता दे, स’ऊदी के प’वित्र शहरों में उम’राह के लिये भी जाते है, जहाँ पर इबादतें की जाती है । इसमें इस्ला’म ध’र्म से जुड़े स्थानों पर इबा’दत भी करना जरूरी होता है ।