सभी देशों के रिश्ते सऊ’दी के साथ काफी अच्छे है। सऊ’दी अरब जाने के लिए सभी को अनुमति मिली हुई है कि वो पासपोर्ट बनवाए और वहां की यात्रा कर सकते है या कोई भी बिज़निस कर सकते है । बता दे, दुनियाभर से ला’खों मुस्लि’म सऊदी अरब में 1 माह से अधिक समय के लिए पवित्र शहरों में हज और उमराह के लिए जाते है । फिलहाल आज हम बात कर रहे है सऊदी और इजराइल के बारे में।
इज’राइल ने अपने नागरिकों को सऊदी जाने के इजाजत दी थी लेकिन सऊदी ने इस पूरे मामले में मीडिया के सामने बयान दिया है । मीडिया से बात करते हुए प्रिंस ने कहा कि हम इज’राइली लोगो का सऊदी में स्वागत नही करेंगे। बता दे कि गुल फन्यूज़ पर छपी खबर के मुताबिक, रविवार को इ’जरा’इल के ग्रह मंत्री ने कहा था कि इज’राइल के लोग स’ऊदी की यात्रा कर सकतें है।
ग्रह मंत्री के बयान के एक दिन बाद ही सऊदी अरब के विदेश मंत्री प्रिंस फैसल बिन फरहान ने सोमवार को कहा कि फिलहाल सऊदी अरब इ’जराइली नागरिकों का स्वागत नही करेगा। स’ऊदी अरब समेत फ़ार्स खाड़ी के अरब देशों ने इजराइल के साथ सम्बन्ध स्थापित कर लिए है। सऊदी अरब ने इ’जराइल को एक देश के रूप में मान्यता प्रदान नही की है।
सीएनएन अरबी भाषा की वेबसाइट के अनुसार फरहान ने कहा कि इज’राइल के साथ हमारे कू’टनी’तिक सम्बन्ध नही है।इस रायली ना’गरिक पास’पोर्ट धारक फिलहाल हमारे देश की यात्रा नही कर सकते है। डेरी ने कहा था कि 2 कारणों से इजराइलियों को स’ऊदी अरब की या’त्रा की अनु’मति दी गई थी। उदाहरण ह’ज और व्या’वसायिक कारणों से सिर्फ 90 दिनों के लिए लेकिन सऊदी ने इसके लिए भी मना कर दिया हैं।
आपको बता दे, इ’सराइल के साथ काफी देशों के रिश्तों में ख’टास के खासकर मु’स्लिम देशों की वजह से । बता दे, फि’लिस्ती’न और इस रा इल में करीब 6 दशकों से लड़ाई जारी है । इस रा इल जब नया देश बन तब से ही दोनों देशों के बीच मे कटुता चरम पर है । यह लड़ाई मुख्य तौर म’स्जिद के अक़सा को है । बता दे, येरुशलम को मु’स्लिम, ईसा’ई और य’हूदी ध’र्म का मरकज यानी केंद्र माना जाता है ।
#Saudi Arabia says #Israeli citizens still not welcome pic.twitter.com/8O3rKVV0kM
— SIASAT TV (@thesiasattv) January 28, 2020
यहां पर य’हूदी और मु’स्लिमों में काफी लंबे अरसे से लड़ाई जारी है । लेकिन इस जगह पर अधिकतर समय मु’स्लिमों ने बिताया है । बता दे, मस्जि’द ए अ’क़सा का मुस्लि’म समुदाय में काफी महत्व है । यही से है पैग’म्बर मुहम्म’द मुस्तु’फा सल्ला’हु अ’लेही वस्सला’म मेरा’ज के सफर पर गए थे । यही पर पैगम्ब’र मु’हम्मद सल्ला’हु अ’लैहि वस्स’लाम ने सभी न’बियों की इमा’मत कर न’माज़ पढ़ाई थी ।