तसनीम खान : सदियों से बंद गलियों, दरवाजे खोलने के लिए आधी दुनिया पूरी बात कहने वाली लेखिका

तसनीम खान का नाम पत्र’कारिता की दुनिया मे उसका नाम आता है जिसने स’दियों से बंद गलियों,दरवाजे,खिड’कियों को खोलने के लिए पि”तृस’त्ता से ल’ड़’ने कभी किस से आ’सन न’ही समझा’। ना सिर्फ वह खुद के लिए बल्कि उ न महिलाओ ‘की आवाज भी है जो अपने हक के लिए जूझ रही है।

पत्रकार और साहित्यकार तसनीम खान ने अपनी लेखिका को ही अपने लिए मु’श्कि’ल रास्तों का सहारा बना लिया है।वह कहती है कि पढ़ने के लिए,सपने देखने के लिए, आगे बढ़ने में मुझे दिक्कत तो आई लेकिन मेरे साथ वहां मेरे माता और पिता थी। वह खुद ही इन मु’श्कि’लों से निपट लेते।

बता दे कि तसनीम खान राजस्थान के नागौर जिले में पढ़ी बढ़ी है। साल 2015 में भा””रतीय ज्ञानपीठ की लेखिला नवलेखन प’त्रकारि’ता में उनका पहला उ’प’न्यास ए मेरे र’हनुमा चुना। वह प’त्रकार के साथ ही उप’न्यास’कार भी बन गई। उन्होंने आगेबताया है कि मेरी अम्मी का सा’हित्य से जु’ड़ाव मुझे विरा’सत में मिल गया।

उनकी तरह मैं भी किता’बो का की’ड़ा कहे जाने लगी। वह बताती है कि अब तक करीब 15 कहानियां लिख चुकी है।पत्रिका टीवी शो पर आधी दुनिया पूरी बात विद तसनीम खान खास बहुत पसन्द किया जाता है। इससे पहले भी उन्होंने महिला और सा’माजिक, राजनी’तिक स्थिति पर समर शेष है शो किया है।

हाल ही में उन्हें पॉपुलेशन फर्स्ट और यूएनएफपीए की और से लाडली मिडीए अवार्ड फ़ॉर जेंडर सेंसिटिविटी 2021 से नवाजा गया है। तसनीम के एक शो के एक एपिसोड घरेलू हिंसा पर कब लगेगा लोक डा’उन के लिए उन्हें इस सम्मान से नवाजा गया है।

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