टीपू सुल्तान को दुनिया का पहला मिसाईल मैन माना जाता है, ये हैं Tipu Sultan की अनकही बातें, जानिए

मैसूर के टाइगर नाम से प्रसिध्द टीपू सुल्तान अंग्रेजो के खि’लाफ यु’ध्दों में अपनी ब”हादु’री के लिए भी जाने जाते है। मैसूर के सुल्तान हैदर अली के सबसे बड़े बेटे के रूप में, टीपू सुल्तान 1782 में अपने पिता की मौ’त के बाद सिं’हा’सन पर बैठे थे। शा’सक के रूप में उन्होंने अपने प्र’शा’सन में कई नई चीजो को

भी लागू किया और लौ’ह आधा’रित मैसूरि’यन रॉ’केट का भी विस्तार भी किया। जिसे दुनिया का पहला रॉकेट कहा जाता है। उनके पिता के फ्रांसी’सी के साथ राजनयिक सम्बन्ध भी थे। टीपू सुल्तान का एक नाम और है उन्हें मैसूर के टाइगर के नाम से जाना जाता है। उन्होंने टाइगर को अपने शासन के प्रतीक के

Tipu Sultan

रूप में भी अपनाया गया था। इतिहास के अनुसाए एक बार टीपू सुल्तान एक फ्रांसी’सी मित्र के साथ जं’गल मे शि’कार कर रहे थे। तब वहां उनके सामने बा’घ आ गया था।उनकी बन्दू’क काम न’ही कर पाई और बा’घ उनके ऊपर कूद गया और बन्दू’क ज’मीन पर ही गि’र गई।

वह बिना ड’रे, कोशि’श करते बन्दू’क तक पहुँचे। उसे उठा’या और बा’घ को मा’र गिराया। तब से उन्हें मै’सूर का टा’इगर के नाम से भी बुलाया जाने लगा।टीपू ने गद्दी पर बैठते ही मै’सूर को मु’स्लिम राज्य भी घो’षित कर दिया गया था। टीपू सुल्ता’न का पूरा नाम सुल्तान फतेह अली खान साहब था। यह नाम उनका पिता ने रखा था।

Tipu Sultan

टीपू सुल्तान ने 18 साल की उम्र में ‘अंग्रे’जो के खि’लाफ अपना प’हला यु’द्ध भी जीता था। आपको बता दे, टी’पू सुल्ता’न ने अंग्रे’जो के खि’ला’फ चार बड़े यु’द्ध लड़े और उन्हें चौथे एं’ग्लो मै’सूर यु’द्ध में धो’खे से मा’र दिया गया था

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