दुबई में रह रहे अमेरिकी प्रवासी ने अपनाया इस्ला’म ध’र्म, परे’शान होकर करना चाहता था जिंदगी ख’त्म फिर इ’स्लाम की इस खूबी …

हर इंसान कि जिं’दगी कि अलग ही कहा’नी होती है। कोई अपनी जिंद’गी को किसी बुरे खोफ कि वजह से ख’त्म कर देते है तो कोई जिं’दगी को वहीं से शु’रू करते है।एक अमेरि’का प्रवा’सी जो श’रा’ब के न’शे कि ल’त की वजह से जिंद’गी को स’मा’प्त करना चाहते थे लेकिन उन्होंने इ’स्ला’म ध’र्म को कुबूल कर लिया है।

आरोन डेविड स्नाइडर जो 53 वर्षीय है। उन्होंने इ’स्ला’म ध’र्म कु’बूल करने के बाद अपना नाम भी बदल दिया है। उनका नाम हारून बने सिंडर है। उन्होंने बताया है कि वह अपनी ‘जिंद’गी को स’माप्त करने से कुछ प’ल दूर ही थे कि एक खगोली’य सं’केत ने उनको यह स’ब करने से रो’का था।

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हारून ने यूएई मे इ’स्ला’म ध’र्म को अप’नाया था और र’मजा’न के रो’जे भी रख रहे है।उन्होंने मी’डिया से बात करते हुए बताया है कि मुझे नहीं पता था कि इ’स्ला”म ध’र्म मे क्या क्या बता’या गया है। लेकिन जब भी अजा’न होती थी मुझे बहुत ज्या’दा सुकू’न भी मिलता था। इसके बाद मुझे ज’ल्द ही एक मोबा’इल एप्लि’केशन एप

भी मिला जिसमे मुझे कु’रआन श’रीफ के अंग्रे’जी तर्जु’मा या अनु’वाद भी मिला। कुरआन ने मुझे शां’ति भी दी और मेरा सारा रवै’या भी बदल गया। इसके बाद मुझे न’शे’ कि ल’त से ल’डने में भी मदद मिली’बता दे की अबू धाबी में रहने वाले हारून अभी यूए’ई मे रम’जा’न कि वजह से इस्ला’म के बारे में सीख’ने मे अप’ना ज्यादा

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समय भी व्य’तीत के रहे है। उन्होंने कहा है कि मैं एक मुस’लमान होने के नाते रम’जान के रोजे से बहुत ज्यादा प्यार भी करता हूं और रो’जे भी रख रहा हूं। अल्ला’ह के लिए इबा’दत करना मेरे लिए बहुत बड़ी बात है।souce- gulf news

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