आल इंडिया मजलिस इत्तेहाद उल मुस्लिमीन पार्टी के पूर्व विधायक वारिस पठान के ताजा बयान से बवा’ल मच गया है । पूर्व विधायक ने नाग’रिकता का’नून के वि’रोध में चल रहे जनसभा में दिए एक बयान के बाद वो सुर्ख़ियो में आ गए है । वारिस पठान ने कहा कि अब ईट का जवाब पत्थर से देने का समय आ गया है । उन्होंने आगे कहा कि हम लोग अब सीख गए, हमें अब एकजुट रहने की जरूरत है ।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग ये कह रहे है कि हमने महिलाओं को आगे कर रखा है , आगे वो कहते है कि अभी तो शेरनियां आगे आई है और आप पहले से ही पसीना बहा रहे है । उन्होंने आगे कहा कि अगर हम साथ आए तो क्या होगा , हम 15 करोड़ है मगर 100 करोड़ पर भारी है , याद रख लेना ।जब वारिस पठान के बयान को लेकर विवाद बढ़ा तो उन्होंने सफाई दी । लेकिन माफी मांगने से इनकार कर दिया।
उन्होंने अपनी सफाई में कहा कि मैंने देश और किसी धर्म के खिलाफ कुछ नही बोला है । सीए ए के विरोध में हर समुदाय के लोग प्रदर्शन कर रहे है। उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी के लोग गोली मारने की बात करते है , बीजेपी लोगो को अलग करना चाहती है , लोगो को समझना चाहिए । पठान ने कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया ।
#WATCH AIMIM leader Waris Pathan: …They tell us that we’ve kept our women in the front – only the lionesses have come out&you’re already sweating. You can understand what would happen if all of us come together. 15 cr hain magar 100 ke upar bhaari hain, ye yaad rakh lena.(15.2) pic.twitter.com/KO8kqHm6Kg
— ANI (@ANI) February 20, 2020
आपको बता दे, नागरिकता कानून को लेकर आल इंडिया माजलिस इत्तेहाद उल मुस्लिमीन के राष्ट्रीय अध्यक्ष और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी भी सरकार पर हमलावर होते रहे है । ओवैसी ने एक बार फिर सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि सरकार NRC ,NPR के मुद्दे पर झूठ बोल रही है । ओवैसी ने सभा मे असम की जाबेदा बेगम का भी जिक्र किया । उन्होंने कहा कि ये गुवाहाटी कोर्ट का केस है , हमारी एक बहन ने 15 कागज दिखाए ।
लेकिन उसे भारत का नागरिक नहीं माना गया। अब और कितने कागज दिखाने चाहिए ? ओवैसी ने आगे कहा कि बेगम ने जमीन का कागज दिया, 1966 के वोटर लिस्ट में अपने माँ बाप के नाम होने के सबूत दिए। बता दे, जाबेदा बेगम के भाई और उनके माता पिता का 2015 की वोटर लिस्ट में नाम था । लेकिन उसे भी नही माना गया ।
यहां तक कि ग्राम प्रधान ने भी लिखकर दिया कि उनकी शादी हुई है ,लेकिन फिर भी वह नागरिकता साबित नही कर पाई । ओवैसी ने आगे कहा कि इसलिए मैं कहता हूँ कि यह मामला कागज का नहीं है , अब उन्हें सेंटर में जाना होगा। ओवैसी ने सभा मे ये भी कहा कि अगर NPR हो गया तो NRC भी हो जाएगा । NRC के मामले में पीएम ने एक बार फिर झूट बोला है ।
इससे पहले हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने नागरिकता कानून की कॉपी संसद में फाड़ी थी । नागरिकता कानून के विरोध में ओवैसी की पार्टी लगातार जनसभा कर रही है । ओवैसी ने लोकसभा में भी पीएम मोदी पर तंज कसते हुए कहा था कि मुस्लिम महिलाओं को भाई कहने वाले पीएम अब धरने से डरे हुए है ?