पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीते दिनों ही चु’नाव आ’योग से कहा है कि वो राज्य में अब उपचु’नाव भी करवाए। उन्होंने आगे मीडिया से बात करते हुए बताया कि राज्य में को’वि’ड 19 को स्थि’ति नि’यंत्र’ण में है। लोगो को अपने वोट देने का भी अधि’कार है। विधा’नसभा में चुने जाने का भी अ’धिकार है।
चु’ना’व आ’यो’ग को अब उपचुनाव का ऐलान भी करना चाहिए। लोगो को लो’कतां’त्रिक तरीके से वं’चित नही करना चाहिए।बता दे कि मम’ता बन’र्जी ने नं’दीग्राम सीट से सह’योगी बने भाज’पा नेता शुभें’दु अ’धि’कारी के खिला’फ चुनाव भी लड़ा था। जिसमे उनकी मामूली अंतर से ही हार हुई थी। हार के बाद भी वह मु’ख्यमंत्री बनी थी।
ऐसे में मुख्य’मंत्री पद पर बने रहने के लिए उन्हें नि’युक्ति के 6 महीने के अंदर ही ज’नता द्वारा चुने जाने की भी आवश्यक है। तृणमूल ने मई के महीने में 294 सदस्योय विधानसभा में 213 सीट पर अपनी जीत को लगातार तीसरी बार सर’कार का गठन किया था।
दरअसल संवि’धान के आर्टिक’ल 164 (,4 )के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति विधायक या फिर संस’द है तो वह मं’त्रिपद पर आसीन नहीं हो सकता है। उंसके लिए छह महीने में विधा’नसभा और विधानपरिषद या संसद के दोनों सदनों में से किसी एक सदन का सद’स्य बनना अनिवा’र्य भी है।
अगर मंत्री ऐसा ऐसा नही कर पता है तो 6 महीने बाद वह पद पर न’ही बना रह सकता। म’मता बनर्जी को मुख्यमंत्री पद पर बने रहने के लिए 8 नवंबर तक विधायक बनना भी होगा।