चुगलखोर का मकबरा: यहां मन्नत पूरी होने पर फूल या चादर नहीं, बल्कि जूते-चप्पल मारे जाते हैं, पढ़े

चु’ग’ली तो खूब की होगी लेकिन कभी अपने इस बात को सुना है कि इसको स’जा भी मिलती है। वो भी इतनी बड़ी कि म’र’ने के बाद भी वो स’जा जारी भी रहती है। इति’हास की एक घ’ट’ना ऐसी भी हुई है। जिसमे एक श’ख्स को चुग’ली करने की

इतनी बड़ी स’जा मि’ली है कि उसकी क’ब्र पर आज भी लोग जूते ‘चप्प’ल भी मारते है। यह क़’ब्र उत्त’र’प्रदेश के इ’टावा में एक मक’बरे में है। जहा लोग दुआ कुबू’ल होने पर चादर और फूल नही बल्कि जूते च’प्पल से खा’तिर’दारी भी करते है।दरअसल। इस मक’बरे का नाम चुगल’खोर का मकबरा

chugalkhor ka maqbara

जैसा कि यह नाम से ही लग रहा है कि जिस शख्स का ‘यह मक’बरा है वो बड़ा वाला चुगल’खोर था। करीब 500 साल पहले की बात है कि भोलू सैयद नाम का एक शख्स था। जिसने इटावा के राजा से चु’गली क़’री की अ’टेरी के राजा उनके खि’ला’फ म’न में गल’त भाव’ना र’खते है।

ऐसा सुनकर इटा’वा के राजा ने अटेरी के रा’जा पर ह’म’ला भी कर दिया लेकिन बाद में राजा को इस बात में पता चला कि भो’लू ने जो कुछ भी बताया था वो सब झू’ठ है। इसलिए राजा ने भोलू को चुग’ल’खोरों करने के लिए हुक्म दिया कि भो’लू को तब तक

chugalkhor ka maqbara

जूते और चप्पलों से मा’रा भी जाए । तब से लेकर आज तक जूते और च’प्पलों से मा’रा भी जाता है। इसके अला’वा कहा जाता है कि लोग यहां पर अपनी दुआ कुबूल होने के लिए भी आती है और कब्र पर फूल या चादर नही,बल्कि जूते और चप्प’ल भी मरते है। नोट :- अगर इस लेख के बारे में ज्यादा जानकरी हो तो हमें साझा करें। यह पोस्ट को scoopwhoop से लिया गया है।

Leave a Comment