एर्दोगन बोले – ग्रीस को मुसलमानों के लिए मुफ्ती नियुक्त करने का अधिकार नहीं और …

तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयब एर्दोगान ने बीते दिनों ही ग्रीस के नवीनत’म कदम की निं’दा की है। जिससे मु’सल’मानो के लिए मुफ़्ती की नियु’क्ति की गई थी।एर्दोगान ने तुर्की के दि’वगंत राष्ट्रपति तु’र्गुत के स्मारक समारोह में भाग लेने के बाद कहा है कि

लोजेन की संधि के तहत ग्रीस को मुस’लमानो के लिए मुख्य मुफ़्ती नियुक्त करने का उसी तरह कोई अधिकतर नही है जिस तरह तुर्की को हमारे देश में कुलपति नियुक्त करने का कोई अधिकर नही है। उन्होंने कहा है कि ग्रीस अधिकारी नही बल्कि मुफ़्ती और इमामो को ग्रीस में मुख्य मु’फ़्ती के बारे फैसला करने का कोई

turkey and greece

अधिकtर नही है। इस बात की भी आ’लो’चना है एथेंस ने देश में रहने वाले तु’र्की के वंश’जों के साथ कैसा व्यव’हार किया है।उन्होंने कहा है कि तु’र्की के लगभग 150,000 लोग आज पश्चिमी थ्रेस में रहते है लेकिन ग्रीस उन्हें उन नाग’रिकों का सम्मान नही दि’खाता है जो उनके योग्य भी है।

उन्होंने कहा है कि तु’र्की ने सभी ग्रीक सर’कारी के साथ बातचीत करने सम्ब’न्धो को ठीक करने की कोशिश भी की है। लेकिन उन प्रयासों में से कोई भी नही मिला है।बता दे कि मु’फ़्तीके चुनाव को एथेंस की 1913 कि सन्धि द्वारा नियं’त्रित किया जाता है।

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जो एक यूनानी तु’र्की सं’धि थी जिसे 1920 में एथें’स द्वारा भी लागू किया गया था। लेकिन 1991 में अन्त’राष्ट्री’य कानू’न का उ’ल्लं’घन करते हुए ग्री’स ने संधि के बारे में अपना कानू’न को भी र’द्द करदिया था। यहां पर मु’फ़्ती का चुनाव होता है।

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