ता’लि’बा’न ने जिस तरह से अ’फ’गानि’स्तान पर क’ब्जा किया है उससे पूरी दुनिया है’रा’न है। लेकिन इन सं’के’तों बीच अ’फ’गानि’स्ता’न के एक ऐसा प्रा’न्त भी है जो ता’लि’बा’न’ के लिए अभी भी चुनौती बना हुआ है। ता”लि’बा’न ने उस प्रा’न्त से दू’री भी बना रखी है।
इस बीच अपने ‘ज’ज्बे और जि’दारी के लिए अ’फ’गानि’स्ता’न के जिस इ’लाके की मिसा’ल दी जाती रहेगी वो है देश का अभे’ध किला। जिसे आज तक कोई जीत भी नही सका है। यह है’ पंज’शीर यानी कि पांच शे’रो की घाटी। यही वो जगह है जहां पर ता’लि’बान के कोई जोर भी नही चलता है।
यहां न तो देश के दूसरे हिस्सो की तरह कोई अ’फरा’तफरी है और न ही पंज’शीर के रहने वाले लोग तालि’बा’न से ख़ौ’फ़ भी खाते है। बता दे कि का’बुल के उत्तर में लगभग 150 किलोमीटर दूर मौजूद इस घा’टी की आबादी लगभग 2 लाख है। इस इला’के का यह इतिहा’स रहा है कि पं’ज’शीर पर कभी भी
कोई बाहरी ‘ता’क’त अपनी हुकू’मत न’ही चला सकी है। अफ’गानि’स्तान के 34 सुबो में से यही वी सू’बा है जहां पर ता’लि’बान के कोई जोर नही चलता है। इस बार भी ता’लिबा’न यहां से बहुत दूर है। इस घाटी में हजारा समु’दाय के लोग रहते है। जिन्हें
चं’गेज खा का वं’शक भी माना जाता है। पं’जशीर को नॉ’र्दन एलायं’स का ग’ढ़ भी माना जाता है। इस जगह को रू’स, तु’र्की, तजाकि’स्तान, तुर’केमि’स्तान देशो ने भी इसका स्पो’र्ट किया ।