हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी को हर कोई जानता है। ओवैसी हालिया दिनों में उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनावों को लेकर रणनीति भी बना रहे है। और चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुके है। आज हम आपको ओवैसी के कोई बयान नही सुनाएंगे बल्कि उनकी जवानी की किस्से के बारे में रूबरू करवाएंगे।
”’1. असुसद्दीन ओवैसी के पापा सलाहुद्दीन ओवैसी हैदराबाद के सांसद थे। असुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद के निजाम कॉलेज से ग्रेजुएशन भी किया था। वो यहां की क्रिकेट टीम का भी अहम हिस्सा रहे है। उनके साथ खेलने वाले बताते है कि ओवैसी की बोलिंग की सबसे ख़ास और अजीब ही बात थी।
उनका एक्शन था। उनकी परमफर्मेन्स इतनी ज्यादा अच्छी थी कि लोकल लीग में भी उनका नाम वेंकटेश प्रसाद के साथ भी लिये जाता था।2. उनके पिता की मर्जी थी कि उनका बेटा वकालत की पढ़ाई करें। असुद्दीन ओवैसी के मन न होते हुए भी लन्दन रवाना कर दिया गया।
उनका क्रिकेट पीछे छूट गया था।3. ओवैसी को खाना बनाना भी नही आता था। लन्दन में उनको सिर्फ़ मैगी और कई तरह की चीजें मिलती थी। तब उनके राहत का सबब बने थे कि उन्ही के क्लासमेट अभिषेक। जो वेस्ट बंगाल कर रहने वाले थे।
उनके दोस्त ने ओवैसी को यारी के तौर पर कई सालों तक खाना बनकर भी खिलाया था। 4. ओवैसी नें लन्दन में रहकर भी कई तरह के काम भी किए है। कभी वो स्टोर में हेल्पर बने यो कभी सफाई का काम भी किया है।
//5. साल 1994 को ओवैसी ने फाइनल लॉ का एग्जम दिया था। उन्हें बिल्कुल भी उम्मीद नही था कि वो पास हो जाएंगे। पेपर पूरे होने केबाद वो शिकागो घूमने के लिए चले गए। वही से एक दिन उन्होंने अपने दोस्त
अभिषेक को फोन किया कि रिजल्ट का क्या हुआ। उनको पता चला कि अभिषेक फेल हो गए है और ओवैसी पास हो गए है।