सरफराज खान जिसको क्रिकेट की दुनिया में सभी लोग अक्सर जानते ही है। आईपीएलमें विराट कोहली द्वारा सरफराज को दी गई शबासी KOun भूल सकता है . रणजी ट्रॉफी में मुम्बई की तरफ से खेलने वाले सरफराज ने दो मैचों में जबरदस्त हंगामा मचाया है। 22 साल के इस खिलाड़ी ने दो हफ्ते के अंदर ही एक तिहरा ओर एक दोहरा शतक ठोका है । भले ये कोरोना से पहले की बात हो लेकिन सरफराज की बैटिंग का लोहा सभी ने माना है .
सरफराज खान मुम्बई के रहने वाले है। बता दे, सरफराज खान के पिता नोशाद खान ने अपनी पूरी जिंदगी क्रिकेट को ही समर्पित कर दी है। नोशाद का सपना था कि वो भरत की टीम की तरफ से खेले लेकिन उनका ये सपना साकार नही हो सका। यहां तक कि उन्हें मुम्बई रणजी ट्राफी में भी खेलने का मौका भी नही मिला।
इस बात को लेकर उन्होने ठान लिया कि भले ही मैं देश के लिए नही खेल सका लेकिन अपने 3 बेटों को इस काबिल बनाऊंगा की वो देश के खातिर क्रिकेट खेल सके। नोशाद की मेहनत और उनका सपना कामयाब हुए और उनका बड़ा बेटा सरफराज इन दिनों रणजी ट्रॉफी में पहले ट्रिपल सेंचुरी और बाद में डबल सेंचुरी से जुड़कर रातोरात बदल गए।
इसके अलावा उनके दूसरे नम्बर के बेटे मोइन है जो क्लब लेवल पर क्रिकेट खेलते है जबकि तीसरे बेटे 15 वर्षीय मुशीर फिलहाल मुम्बई की अंडर19 टीम के लिए कुच बिहार में ट्रॉफी में खेल रहे है।बता दे कि नोशाद वैसे तो पड़े लिखे मबई में है। वह मूल रूप से यूपी के आजमगढ़ जिले से है। उन्होंने क्रिकेटर के लिए खूब मेहनत की है।
उन्हेंरेल्वे में स्पोर्ट्स में भी नोकरी मिल गई लेकिन नोशाद का नाता क्रिकेट जगत की दुनिया से नही टूट। नोशाद ने कहा कि मैं अपने बच्चों के साथ पिता के रूप में एक कोच के तौर पर पेश आता हूं।उन्होंने आगे बताया है कि तीन बच्चों की ट्रेनिग में कोई दिक्कत नही हो इसलिए उन्होंने 2 साल पहले हीरेलवे से वीआरएस ले लिया।
बता दे कि सरफराज स्कूल के दिनों में भी टूर्नामेंट के एक मैच में 400 प्लस रन की पारी खेलने के अलावा बेंग्लुर और पंजाब टीम के लिए आईपीएल और मुंबई के अलावा यूपी के लिए रणजी ट्रॉफी मेच खेल चुके है।
इन दिनों वो इसलिए चर्चा में है क्योंकि उन्हीने 2 साल के कूलिंग ऑफ पीरियड के बाद मुम्बई टीम में वापसी की है और उन्होंने 19 जनवरी को अपनी पूर्व टीम यूपी के खिलाफ़ रणजी ट्रॉफी मैच के चौथे और अंतिम दीन ट्रिपल सेंचुरी बनाई है।