आज भले ही हिन्दू मुस्लिम में न’फ’र’ते बर’करार कर दी गई हो लेकिन अब भी देश मे कई लोग ऐसे है जो भा’ईचारे की मिसाल कायम करने में पी’छे न’ही ह’ट रहे है। एक हि’न्दू परि’वार ने एक मु’स्लिम’ ला’पता ब’च्चे की प’र’व’रिश ही नही की बल्कि उसके अ’सली हकदार मा बाप से भी मि’लवाया है।
यह मामला ना’गपुर के हि’न्दू परि’वार ने ज’बलपुर से ला’प’ता हुए मु’स्लि’म ब’च्चे की परव’रिश का है। सात साल पहले मु’स्लि’म ल’ड़’के को अपने ही घर में रखकर एक बेटा जैसा प्यार भी दिया है। 30 जून को वह लड़का अपने माँ बाप के पास भी लौट आया है। बता दे कि यह लड़का साल 2012 में ला’प’ता हुए था।
वह मा’न’सि’क रुप से भी स’ही न’ही है। ला’प’ता हिने के बाद वह खुद को उसे अपने बारे में भी ज्या’दा जा’नकरी नही थी। परि’जनों के मु’ताबिक बताया गया है कि साल 2012 में घर से अ’चा’नक ही ला’पता’ हुए था। वह किसी तरह नागपुर रेलवे स्टेशन पर भी पहुँच गया था।पु’लि’स ने उसके आ’श्रम बा’ल गृ’ह में ‘भेज’ दिया था।
उस बा’ल’गृ’ह से सा’माजिक कार्यकर्ता समर्थ दामले अपने घर उ’सको लेकर भी आ गए थे। सं’स्था बं’द होने के बाद सभी बच्चे अपने अपने घर चले गए थे लेकिन दाम’ले और उनकी पत्नी ल’क्ष्मी ने उसको अपने घर मे रख। दामले ने इसका आधार कार्ड बनवाने के लिए ऑ’फिस भी गया जब जाकर पता चला की
इसका आधार कार्ड भी बना हुआ है। इसका नाम उन्होंने अमन रखा था लेकिन इसका असली नाम आ’मिर है। उन्हीने जांच प्रकिर्या शुरू करने के बाद अमीर को अपने मु’स्लि’म मा बाप से भी मिलवा दिया। वह अपने पर’व’रिश पत्नी का ल’क्ष्मी का जन्मदिन मनाने के लिए भी आया था।