म्यं’मार की एक म’स्जिद जरू’रतमंदों की लिए एक फ’रिश्ता बनकर आई है । इस मस्जि’द में 3 हज़ार के करीब खाने के डिब्बे बनते है जिन्हें जरू’रतमंदों की दिया जाता है । यह खाने के डि’ब्बे न सिर्फ अस्पताल में बल्कि गरी’ब , सड़’को पर रह रहे मजदू’र को प्र’दान किए जाते है ।बीते एक साल में क’रो’ना के कारण दुनिया भर के लोगों पर अ’सर पड़ा । लेकिन सबसे ज्यादा असर उन लोगों को हुआ जो रोज़ा’ना जीवन ज्ञापन कर अपना जैसे तैसे ख’र्चा चला रहे है।
दुनिया ने देखा कि मु’स्लिमों ने अपनी तन म’न ‘धन लगा’कर जरूर’त मं’दो की मदद की । चाहे दिल्ली, बैंगलोर, अ’हमदाबाद से ला’खो मजदूरों का टोला जब घर के लिए पैदल निक’ला तो मुस्लि’मों ने उनकी हाई वे से लेकर जहा जहा से भी वो गुजरे उनकी मदद की ।अब एक बड़ी खबर म्यां’मार से आ रही है । म्यांमा’र की एक म’स्जिद में उन ज’रूरतमंदो की मदद की जा रही है जो लॉ’क डा’उन की वजह से अब तक रोज’गार की ओर नही लौट सके है ।
बता दे, म्यां’मार के यं’गून में स्थित नई ए मस्जिद के सदस्य ल’गातार इस कार्यो को बिना किसी धार्मिक भेदभाव के कार्य को अंजाम दे रहे है ।मस्जि’द न सिर्फ लोगों को यहाँ पर खा’ना खिला रही है बल्कि कोविड अस्प’तालों में, अलग अलग कें’द्रों में म’जदूर और जो गरी’ब लोग के है उनके लिए म’स्जिद के सद’स्य इस कार्य को कर रहे है ।
बता दे, एशि’या में कोवि’ड का असर देखने को ज्यादा इसलिए भी मिला क्योंकि यहाँ पर बड़ी तादाद में गरीब और दिन के कार्य पर निर्भर रहने वाले लोगों की ता’दाद काफी बड़ी है ।बता दे, मस्जिद में पहले मु’सल’मा’नों की मदद करने के लिए ही बनाए गए थे जो हलाल उत्पा’द को खरीदने में स’क्षम नही थे ।
लेकिन जैसे ही वा’यर’स की दूसरी लह’र आई वाइस ही इससे बाजा’र पर अ’सर पड़ा और व्या’पार भी ठ’प्प हो गया । म’स्जिदों के सदस्यों ने वि’भिन्न धार्मिक लोगों की मदद की जो भू’ख, अनिश्चि’तता और बे’रोजगा’र से पी’ड़ि’त थे ।