देशभर में तुल’सी के पौ’धे की पू’जा घर घर होती है। यह पौ’धा हि’न्दू समुदा’य के घर मे भी लगा होता है। इस बात को science भी उतनी ही ज्यादा तरीक़े से मानता है कि तु’लसी का पौ’धा हमें निरो’ग र’खने में बहुत ही ज्यादा मदद भी करता है। लेकिन अब तुल’सी का पौ’धा कमाई का एक
जरिया भी बनता जा रहा है। देश मे कई किसान तुलसी की खेती करने की भी इ’च्छा रखते है। यूपी के पीली’भीत में रहने वाले नदीम खान का भी ऐसा ही नाम है। नदीम पूरनपुर ब्लॉक के शेरपुर कला गांव में तुल’सी की खेती भी कर रहे है।
उन्होने मी’डिया के गांव कनेक्शन से बात करते हुए बताया है कि कृषि में नए नए प्रयोग करने वाले जयेंद्र सिंह ने उन्हें तुल’सी खे’ती करने के लिए भी प्रेरत किया था। जिसके बाद उन्होंने अपना खेत मे तुसली की बीज डाल दिए। उन्होंने कुछ ही ह’फ़्तों की सिंचा’ई के बाद ही पौ’धे भी तैयार कर लिए।
फसल तैयार होने के बाद उन्होंने पौ’धे को काट’कर भी सू’खा लिया। इसके बाद में इसे बा’जार में अच्छे दामों पर भी बेच दिया। यह सिलसिला अभी भी बदस्तूर भी जारी है। जानकारी के मुताबि’क बता दे कि मौजूदा समय मे वो तुलसी की खेती से ला’खों रुपए
की कमाई भी कर रहे है। बता दे कि डाबर, पतंजलि और हमदर्द जैसी बड़ी आयुर्वेदिक लम्पनिया भी हर साल लाखों टन तुलसिया भी खरीदती है। जबकि तुलसी की कमी में लागत न के बराबर ही आती है।