मोरक्को के इस्रा’ईल को मान्यता देने के बाद ये ख़बरे चलने लगी थी कि टयू’शेनिया भी इ’स्राईल को एक देश के रूप में मान्यता दे सकता है । लेकिन ट्यूशे’निया ने सभी खबरों पर वि’रा’म लगाते हुए इ’स्राई’ल को मान्यता देने और उसके साथ रि’श्तों को सामा’न्य करने से सा’फ इंका’र कर दिया । ट्यूशेनि’या के प्रधानमंत्री हिचमे मचीची ने जोर देकर कहा कि य’हू’दी राज्य के साथ सं’बंध स्थापित करना उसके ए’जें’डे में शामिल नही है ।
बता दे, अरब लीग के अब तक 4 देश इ’स्राई’ल को मा’न्य’ता दे चुके है । पिछले हफ्ते ही इज’रा’इल को मा’न्यता देने में मो’रक्को चौथा देश बन गया है । बता दे, मोरक्को ने ये कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के राजनयि’क संबंधों की ह’ड़ब’ड़ी में अपनाया है । बता दे, इससे पहले सँयुक्त अरब अमीरात , बहरीन और सूडान ने इ’स्राई’ल के साथ सं’बं’धों को सा’मा’न्य कृ’त कि’या है ।
फि’लि’स्ती’नयो के सं’घ’र्ष पर अरब दुनिया के सयुक्त मोरचे को कमजोर करता हुआ दिखाई देता है ।ट्यूशेनि’या के पीएम मोचीची ने सोमवार को एक इंटरव्यू में फ्रांस को 24 प्रसारक बताया था । और कहा था कि मोरक्को की पसंद का सम्मान करते है ।
मो’रक्को एक सि’स्टर कंट्री है जिसे हम बहुत प्यार करते है । लेकिन उन्होंने कहा कि ट्यूशेनिया के लिए इ’स्राई’ल से स’म्बद्ध उनके एजेंडे में नही है । मचीची ने कहा कि उन्हें इस मुद्दे को लेकर ट्रम्प प्रशा’सन से संप’र्क नही किया है। उन्होंने आगे कहा किज हर देश की अपनी वास्त’विक्ता , अपानी सच्चा’ई और अपनी कू’ट’नीति होती है । जनता जिन्हें अच्छा समझती है हम भी उसी ओर चलते है ।
Pro-Palestinian protesters hold a stand outside the UAE embassy in Tunisia against #Israel –#Emirates normalization deal.@PalMissionUK pic.twitter.com/CQfpjb87Sf
— Laila Palestinian girl (@LailaPalestini1) August 21, 2020
वही पड़ोसी अल्जीरिया ने कट्टर प्रतिद्वं’द्वी मोरक्को’ के साथ इ’स्राईल की डी’ल पर कहा कि यह कदम विदे’शी ‘यु’द्धों भ’यास का उद्देश्य था जो अल्जीरिया को अस्थिर करने का लक्ष्य था . अल्जीरिया , पश्चिमी सहारा में पेलोसरिया स्वतंत्रता आंदोलन का समर्थन करता है ।