सलामत से शादी के बाद प्रियंका बनी आलिया, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा- हम इसे हिन्दू मुस्लिम नही देखते

इलाहाबाद हाइकोर्ट ने दो अलग अलग ध’र्मों के बालिग लड़के और लड़कियों के प्रेम विवाह पर फैसला सुनाया ।कोर्ट ने कहा कि दो बालिग युवाओं को अपनी पसंद का जीवन साथी चुनने का अधिकार है । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि दो बालि’ग व्यक्तियों को एक साथ रहने की इजाजत है, वे चाहे समान हो विपरीत से’क्स के ही क्यो न हो ।

Allahabad Highcourt ने कहा किज संविधान के अनुच्छेद -21 ने अपनी पसंद और इच्छा से किसी व्यक्ति के साथ शांति से रहने की इजाजत देता है । इसमें हस्तक्षेप नही किया जा सकता है म कोर्ट ने कहा कि प्रियंका खरवार को हिन्दू और सलामत को मुस्लि’म के रूप में नही देखती है ।कोर्ट ने साफ किया कि दोनों युवाओं के शांति’पूर्ण जीवन मे कोई व्यक्ति या परिवार दखल नही दे सकता है ।

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यहां तक कि राज्य भी दो बालिग युवाओं के सम्बंध को लेकर आप’त्ति नही कर सकता है ।दरअसल कुशीनगर के विष्णुपुरा थाना क्षेत्र के रहने वाले सलामत अंसारी और तीन अन्य की ओर से दाखिल याचिका पर कोर्ट ने ये अहम फैसला सुनाया हव। आरोप था कि सलामत और प्रियंका ने मर्जी से शादी की ।

बता दे, 19 अगस्त 2019 को दोनों ने मुस्लि’म रीति रिवाज से शादी की थी । शादी के बाद प्रियंका खरवार से अब आलिया बन गई है । प्रियंका के पिता ने इस मामले की एफआईआर दर्ज कराई थी । उन्होंने बेटी के अपहरण और पो’स्को ए’क्ट के तहत एफ’आईआ’र दर्ज करवाई थी ।

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सलामत और तीन अन्य की तरफ से हाई को’र्ट में याचिका दाखिल कर ये एफ’आईआ’र र’द्द करने की सु’रक्षा भी की मांग की गई थी म कोर्ट ने याचिका के खि’लाफ दर्ज प्राथमिकी को भी रद्द कर दिया है । कोर्ट ने कहा है किज इस मामले में पॉस्को एक्ट लागू नही होता है ।

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