जानिए इस्लाम के इतिहास की पहली मस्जिद के बारें में, जिसे पैग़म्बर मोहम्मद (स.अ.व.) ने खुद अपने हाथों से ….

ऐसे तो हर जगह और हर देश मे अपने अपने धर्म मे इबादत की जगह होती है। हर देश मे अलग अलग और हर मोहल्ले में अलग अलग मस्जिदे होती हैं जहां पर लोग इबादत करते है। क्या आपको बता है कि सबसे पहले इस्ला’म मे कौनसी म’स्जिद बनी है और किसने बनाई है। आइए तो हम आपको इसके बारे में बताते है। सऊदी अरब में स्थित मदीना शरीफ से 3 किलोमीटर दूर वो जगह जहाँ पर हजरत मो’हम्मद मुस्तु’फा सल्ला’हु अ’लैहिवस्लम और उनके साथी पहले मक्का से मदीना तक जब सफर तय कर रहे थे ।

तो इस मस्जि’द में उन्हीने आराम फरमाया था जिसे आज मस्जि’दे कुबा कहा जाता है। जो इ’स्लाम के इतिहास में सबसे पहली म’स्जिद थी जो आज भी बरकरार है। कहा जाता है कि म’स्जिदे कुबा में निर्माण में खुद हमारे नबी ने हाथ बंटवाया था और इस मस्जिद को बनाया था। इस म’स्जिद के बारे में हदी’स में भी जिक्र है कि कुरान में इस म’स्जिद का जिक्र सूरह तौबह के अंदर किया गया है।

Masjid Quba

इस मस्जिद में दो रकात निफल नमाज पड़ने से एक उमरे के बराबर सवाब मिलता है। बता दे कि इस मस्जिद का एक हिस्सा महिलाओं के लिए भी है जो वहां पर इबादत कर सके। मस्जिद के 12 छोटे प्रवेशद्वार है। इसके अलावा 7 बड़े दरवाजे भी है। पिछले कई सालों में इस मस्जि’द में कई तरह के नवीनीकरण भी हुआ है। 1984 में फहाद बिन अब्दुल अजीज ने मस्जिद का पूर्ण निर्माण किया था लेकिन इस मस्जिद के वास्तुकला, विशेष रूप से मस्जिद के सफेद गुम्बद आज भी वैसे ही है।

ये मस्जि’द अपनी सुंदरता के लिए भी बेहद ही अच्छी है इस मस्जिद में 56 गुम्ब’न्द और चार मीनार है। ये मस्जिद इतनी बड़ी है कि इसमी 20 हजार लोग एक साथ इबा’दत कर सकते है। जो भी हाजी हज करने के लिए मक्का और मदीना शरीफ जाते है तो इस मस्जिद में जरूर जाते है। जानकारी के अनुसाए बता दे कि इस साल ह’ज करने वालो की संख्या सीमित रखी हुई है ।

Masjid Quba

कोरोना वाइरस की वजह से सऊदी सरकार बे अपने ही देश के नागरिकों और प्रवासियों को अनुमति दी है।हज 29 जुलाई से शुरू होने वाला है और ईदुल अजहा 31 जुलाई को मनाई जाएगी। सऊदी सरकार 1000 हा’जी को ह’ज की अनुमति दी गई है। हाजी का काफिला जेद्दा पहुँच गया है और हाजी को पहले और बाद में क्वोरन्टीन होना लाजमी है।

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