देश के लिए शहीद हुए मोसिम खान, विदाई के आखिरी पल देखकर लोग बोले- शहीदों के मजारों पर जलेगे हर बरस मेले, वतन पर …

ऐसे तो हमारे न जा’ने कितने भाई से’ना की भ’र्ती में श’ही’द हो जाते है। बीते दिनों ही ई’दु’ल अ”ज’हा का त्यो’हार निकला है। ऐसे मा’हौल में त्योहार के वक्त ज’म्मू के नॉ’शेरा में 16 ग्रे’ने’डि’य’र में तै’ना’त मौ’सि’म खा’न पा’कि’स्ता’न फ़ौ’ज के स्पा’इ’न्ऱ शू’ट में शुक्रवार को श’ही’द हो गए थे। मौ’सिn खा’न के पार्थि’व श’री’र को ई’दु’ल अ’ज’हा के दिन ही द’फ’ना’या गया है।

गांव में त्यौहार के दिन भी मा’त’म प’स’रा रहा। रा’ज’स्था’न के झुं’झु’नूं के गांव कोलिंडा निवासी मौसिम खान का पार्थि’व श’रीर शनिवार को गांव में पहुँच। इस दौरान श’ही’द के पिता रिटायर्ड सूबेदार अपने जवान बेटे को तिरं’गे में लिपटा देखकर अपना आपा भी भू’ल’ गए और रो’ने लगे। जवा’नों ने गा’र्ड ऑ’फ ऑ’नर दिया।

mosim khan

जि’ला सै’नि’क क’ल्या’ण अ’धि’का’री क’मां’डर ‘प’र’वे’ज अ’ह’म’द ने बताया है कि बॉ’र्ड’र पर ड्यू’टी के दौरान मौ’सि’म खा’न किस उ’पक’र’ण से घा’य’ल होने के बाद श’ही’द हो गए। से’ना के बोर्ड ‘का’र्या”लय की प्रकिर्या पूरी होने केबाद मौसि’म को शही’द का दर्जा दिया गया है।

श’ही’द के साथ तै’ना’त उनके चेचेरे भाई गर्व ग्रे’ने’डियर इक’रार खान ने बतौया है कि चार भाई बहनों में मौसि’म सबसे छोटे थे। बता दे कि मौसि’म अभी 3 साल पहले ही तैनात हुए थे। उनके बड़े भाई जम्मू के रजौ’ली इ’लाके में तै’ना’त है।

mosim khan

इकरार खान ने बताया है कि मौ’सि’म के श’ही’द होने की जानकारी शुक्रवार को शाम 5 बजे ही मिल गई थी लेकिन उन्होंने परिवार में किसी को भी इस बारे में बताया नही था। शहीद के चेचेरे भाई नवाब अली ने बताया है कि ईदुल अहजा त्योहार के दिन सारी रौन’के ख’त्म हो गई थी। दिनभर गांव में मा’त’म प’स’रा रहा।

Leave a Comment