CAA के ख़ि’लाफ़ यू’रोप की सं’सद में प्र’स्ताव, 24 देशों के सदस्यों ने बताया भे’दभा’वपूर्ण और ….

ना’गरिकता सं’शोधन का’नून का वि’रोध भारत देश मे ही नही बल्कि कई दे”शो में देखने को मिल रहा है। इस का’नून का वि’रोध पहले विदेश की प्र’तिष्ठित यूनि’वर्सिटी ने किया उसके बाद कुछ देशों के सांसद सामने आए थे । अब इस का’नून से सम्बंधित एक ख’बर सामने आ रही है । जनस’त्ता में छपी खबर के अनुसार इस कानू’न का वि’रो’ध यूरो’पीय सं’सदों में होने की बात कही जा रही है। 24 देशो के सदस्यों ने मिलकर यह बात कही है ।

नाग’रिक’ता का’नून का वि’रो’ध करीब 40 दिनों से दिल्ली में चल रहा है। इसके अलावा भी कई जगहों पर दिल्ली की तर्ज पर शाही’नबाग बना दिया गया है। जिसमें यूपी, राजस्थान, बिहार, एमपी, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों के जिलों में देखने को मिल रहा है । यू’रोपीय संसद ने नागरि”कता का’नून का एक प्र’स्ताव पारित किया है। यूरो”पीय संसद मेंसोश”लिस्टस और डेमो”क्रेटिक ग्रुप ने ना’गरि”कता कानून को’ भे”दभा”वपूर्ण’ और” ‘विभा’ज”नकारी’ बताया है।

प्रस्ता’व में कहा गया है इस का’नून के लिए अमे’रिका ने भी समान सुर’क्षा के सि’द्धांत पर अपने सवाल खड़े किए थे। बता दे कि 24 देशो के यू’रोपी’य संस’दों के 154 सदस्यों ने सोश’लिस्ट और डे’मोक्रे’टिक ग्रु’प के लोगों द्वारा इस सप्ताह के शुरुआत में यह प्रस्ता’व पारित किया गया। लेकिन अगले सप्ताह इसकी चर्चा होगी। यूरो’पीय सं”घ ने अधिकारियों से शां”तिपूर्ण तरीके से वि’रो’ध का अधिकार सु’निश्चित करने और भेद”भाव पूर्ण प्राव”धानों को नि”रस्त करने का आग्र”ह किया है।

प्रस्ता’व के मुताबिक बताया गया है कि यह कानून मान”वाधिकार और राज”नीतिक सन्धि”यों की भी अव”हेलना करता है।भारत मे जो यह का’नून लाया गया है उससे भेद’भाव पै”दा किया जा रहा है। आपको बता दे, भारत के कई देश दिन रात वि’रो’ध कर रहे है। इसकी खबर अन्त’राष्ट्रीय मी’डिया ने भी प्रमु’खता से उठाई थी ।

भारत के अलावा भी कई देशों जैसे मले’शिया ने इस का’नून के वि’रो’ध में बयान दिया था। इस कानून के खिलाफ हुए विरोध प्रद’र्शन में कई लोगों की मौ’त भी हुई थी। देश के अधिकतर हर राज्य में इस का’नून के खिलाफ रैलियां और सभाए की जा रही है। और 24 घंटे प्रो’टेस्ट किया जा रहा है,जिसमें महिलाएं प्र’मुखता से भाग ले रही है ।

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