तुर्की के इस्तांबुल में पिछले 86 सालों से हागिया सोफिया म्यूजियम को मस्जि’द में बदल दिया गया है। हगिया सोफिया को तु’र्की के को’र्ट ने भी कहा है कि सोफिया अब म्यूजियम नही बल्कि मस्जिद’ में त’ब्दील कर दिया गया है। तुर्की कोर्ट ने 1443 में सुल्तान फतेह द्वारा इस चर्च को खरीदने के आधार पर ये फैसला सुनाया है ।
तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा है कि यहां आम न’माज अदा की जाएगी और इसे आम लोगों के किये भी खोला जायेगा। सोफिया को तब्दील करने के बाद फिलिस्ति’न के एक गांव में फिलि’स्तिनी पिता के बेटी होने के बाद पिता ने उसका नाम सोफिया रखा है। हागिया सोफिया को तब्दील करने के बाद पैदा हुई थी। कोर्ट ने 1934 कैबिनेट फैसले को भी र’द्द के दिया गया है।
ए’र्दोगान ने सोफिया को जीत होने के बाद इस बात का भी एलान किया है कि मस्जिदे अक्से भी जल्द ही आज़ाद होगी अगर अ’ल्लाह ने चाहा तो। ए’र्दोगान के इस बयान के बाद सो’फिया को मस्जि’द में बदलना अ’क्सा म’स्जिद की वापसी पर एक बड़ा कदम है। तुर्की के राष्ट्रपति हमेशा ही फि’लिस्ति’नी लोगो के स’मर्थन में खड़े रहते है।
इ’जराइल और फि’लिस्तिनी लोगो का वि’वाद भी काफी समय पुराना है। फि’लिस्ति’नी लोग गाजा पट्टी में रहते है और आए दिन इज’राइल यहां पर सेनाओ को भेजकर ल’ड़ाई होती रहती है । ह’गिया सो’फिया संग्रहालय को मस्जि’द में बदले पर भी यूने’स्को ने भी इस पर आप’त्ति जताई है। यूनेस्को ने कहा है कि किसी भी निर्णय से पहले तुर्की पहले उनसे जरूर बात करे।
1600 साल से अधिक पुरानी ये इमारत यू’नेस्को की विश्व प्रसिद्ध वि’रासत स्थल में शामिल है। एर्दोगा’न ने कहा है कि म’स्जिद के दरवाजे सभी स्थानीय, विदेशी मुसलमा’न और गैर मुस’लमा’न भी आ सकेंगे।