अगर कुछ करने का ज’ज्बा है तो आपको इससे कोई भी महरूम नही कर सकता है। चाहे फिर हाला’त कैसे ही क्यो न हो। क्योंकि जिंदादिल वही लोग होते है जो मु’श्कि’लों से निकलकर कामया’बी की राह पर चलते है। राजस्था’न में एक ऐसी मु’स्लिम होन’हार ल’ड़कीं की कहा’नी भी सा’मने आई है।
जिसने अपने मेहनत के दम पर इति’हास भी र’च दिया है। सफ’लता की यह कहानी बाड़मेर जिले के का’नासर गांव की एक मुस्लि’म लड़की है। जिसका नाम अनीसा बानो है। जिसका सलेक्श’न चेले’न्सर क्रि’केट ट्रॉफी 19 में हुआ था। वह बतौर फ़ास्ट गेंदबा’ज स्टेट टीम के लिए भी क्रिकेट खेलेगी।
इतना ही नही चयनकर्ताओं ने 27 अगस्त को जयपुर के स्वान मानसिंह स्टेडियम में उसका ट्रायल भी देखा है। अनीसा की कहानी भी किस फ़िल्मी कहानी से कम नही है। वह अपने स्कूल से आने के बाद भेड़ बकरियां चराने भी निकल जाती थी।
उसे बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शोक है।खेत मे वज अकेली ही गेंदबाजो की भी प्रैक्टिस करती रहती है। इतना ही नही वह घर आकर भी कॉलोनी के बच्चों के साथ खेलती है।उनकी इतनी ज्यादा क्रिकेट से लग्न है कि जब भी उनके गांव में लड़को का क्रिकेट
मैच होता है तो वह बाउंड्री के पास जाकर बैठ जाती है और पूरा मैच भी देखती है। उनका अब राजस्थान की टीम में चयन हो जाना किसी सपने से कम नही है। उन्होंने आगे कहा है कि वह एक दिन भारत की टीम का भी हिस्सा बनेगी।