न नदी, न झरना फिर भी सऊदी अरब में सबको मिलता है पानी, जानिए

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अरब देशों का सबसे महत्वपर्ण देश सऊदी अरब में कच्चे तेल का भंडार मौजूद है। जहाँ से ला खों बैरल तेल रोज निकलता है और पूरी दुनिया में सप्लाई होता है। सभी देशों में ये स’मस्या है कि वह सभी चीज़ों से आत्मनिर्भर नहीं होता है। उसे कुछ ना कुछ चीज़ तो बाहर देशों से आयात निर्यात करनी होती है। सऊदी अरब में भी एक स’मस्या है वो है पीने का पानी। सऊदी सरकार इस और खास़ा ध्यान दे रही है। स ऊदी में कोई नदी नहीं है , इसलिए आसानी से पीने का पानी मुहैय्या होना वहाँ के लोगों के लिए आसान नहीं है।

सऊदी ने इसका हल निकाला और समुद्र के पानी को पीने लायक बनाने के लिए का म शुरु कि या। ऐसा करने से सऊदी का बहुत पैसा लग रहा है और समय भी। सऊदी में बड़े बड़े तेल के कुए है लेकीन पानी के कुँए नही , जो थे वो सभी सुख गए। साल 2011 की एक रिपोर्ट के अनुसार स ऊदी अरब में पीने के पानी की मांग सात फीसद की दर से हर साल बढ़ रही है। यह जानकारी 2 011 में सऊदी के पानी और बिजली मंत्री ने साझा की थी। अगले एक दशक में समुद्र के पानी को पीने लायक बनाने के लिए 133 अरब डॉलर के खर्चे का अनुमान बताया है।

सऊदी हर रोज करीब 30.36 लाख क्यूबिक मीटर समुन्द्र में मौजूद पानी में नमक को दूर क रके उस पानी को पीने लायक बनाता है। इस प्लांट का नाम दिया है साली न वाचर कन्वर्जन कॉर्प ( एसडब्लूसीसी। सऊदी में पानी की स’मस्या से निज़ात पा ने का ये एक तरीका है और सरकार इस पर विशेष ध्यान दे रही है। बता दे , एक रि पोट् के अनुसार सऊदी से जुड़े कई चौ कानें वाले परिणाम सामने आए है। सऊदी अ रब में भूमिगत जल अब लगभग समाप्त होने को है। सऊदी में प्रति व्यक्ति पानी की खपत एक दिन में 265 लीटर है। यह युरोपिय देशों से दुगूनी है।

आपको बता दे , सऊदी अरब में ना कोई झील है , ना कोई नदी है यहाँ सिर्फ रेगि स्तान है। ल म्बे समय से सऊदी कुओं पर निर्भर था जो अब धीरे धीरे वो भी समाप्त हो रहे है। देश में बारिश भी काफी कम होती है। जिस तरह भारत में मौसम होता है बारिश में वैसा अक्सर सऊदी में नहीं होता है। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट कहती है कि सऊदी अरब जीडीपी का 2 फीसद पीने के पानी पर खर्च करता है। बता दे , सऊ दी के अलावा उत्तरी अफ्रीका में भी पानी की भारी किल्लत पाई जाती है। विकिली क्स ने दावा किया था कि सऊदी अर ब दूसरे देशों की जमीन खरीद रहा है।

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