स्टेशन पर चाय बेचने वाले का बेटा बनेगा डॉक्टर, रसोई में बैठकर करता था पढ़ाई

हर सपने को पूरा करने के लिए काफी ज्यादा मशक्कत करना पड़ता है। नीट परीक्षा में उमेश शर्मा ने इस परीक्षा को पास किया है। उनके पिता रेलवे स्टेशन पर वेंडर है और चाय आदि भी बेचते है। आ’र्थि’क सं’कट के बावजूद किसी तरह की नीट की तै’या’री करने के दौरान को’रो’ना का भी सामना करना पड़ा था।

वह घर से आए तो उनके पास पैसे भी नही थे। इसके अलावा उन्होंने फिर भी हा’र नही मानी और एक होस्टल में रसोई में कम पैसे देकर भी रहने लगे। जब उनका रि’जल्ट आया तो उनके आंखों में से आं’सू भी छलक पड़े। ऑल इंडिया रैंक में उनकी 9905 और EWS रैक 1337 है।

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यानी कि अब डॉ’क्टर बनना भी पक्का हो गया। उ मेश कुमार बहराइच के गांव बाउन पुर के भी रहने वाले है। वह साल भर पहले काकादेव की कोचिंग पर 500 रुपए की फीस देकर भी पढ़ने लगे थे। वहां पर रहने की जगह भी नही थी और फिर उन्होंने रसोई में ही अपनी जगह को बनाया।

उमेश बताते है कि उनके पिता के कहने पर उन्हीने बीएससी की। उसी दौरन किडनी में पथरी भी हो गई। उन्हों फिर आगे की पढाई के लिए ऑपरेशन भी कराया। मीडिया से बात करते हुए उमेश शर्मा ने बताया है कि न्यू लाइट कोचिंग

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के डायरेक्टर डॉ एसपी सिंह ने मात्र 500रुपए फीस ली और रहने और खाने का खर्चा भी उठाया। डॉ सिंह ने बताया कि वह उमेश की मेडिकल की पढ़ाई का खर्चा भी हम उठाएंगे।

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